करनाल/दीपाली धीमान : सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस फॉर एग्रीकल्चर स्किल्स इन इंडिया (CEASI) ने नुजिवीडू सीड्स लिमिटेड (एनएसएल) के सहयोग से खेरी जट्टान गांव, इंद्रि ब्लॉक, करनाल में सफलतापूर्वक एक हार्वेस्ट फील्ड डे का आयोजन किया, जिसमें 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य डाइरेक्ट सीडेड राइस (DSR) पद्धतियों को पारंपरिक धान की खेती के स्थायी विकल्प के रूप में बढ़ावा देना था। नुजिवीडू सीड्स लिमिटेड के विशेषज्ञों, जैसे कि श्री ऋषि अरोड़ा, श्री श्रीनिवास राव, और श्री शारद खुराना, के साथ डॉ. अंकुर चौधरी (सहायक वैज्ञानिक, आरआरएस उचानी), डॉ. महा सिंह (वरिष्ठ समन्वयक, KVK, उचानी), और अश्वनी कंबोज (BO, इंद्रि, करनाल)ने DSR के फायदों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डॉ. सुरेश गेहलोत, DSR सलाहकार, ने इस नई पद्धति के पर्यावरणीय लाभ और आर्थिक viability पर प्रकाश डाला। जो किसान DSR अपनाने में सफल रहे, उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उन्होंने श्रम लागत और पानी की खपत में महत्वपूर्ण कमी की है।
पारंपरिक तरीकों की तुलना में, DSR 20-50% कम पानी की आवश्यकता होती है और श्रम की आवश्यकता लगभग 50% कम हो जाती है, जिससे यह एक प्रभावी और टिकाऊ विकल्प बनता है। कार्यक्रम में DSR और पारंपरिक खेती की तुलना करते हुए व्यावहारिक प्रदर्शन भी शामिल थे, जिससे प्रतिभागियों ने फसल की सेहत, जल संरक्षण, और कुल उपज के फायदों को सीधे देखा।
CEASI और नुजिवीडू सीड्स किसानों को ज्ञान और प्रथाओं के साथ सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कृषि में उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाते हैं। हार्वेस्ट फील्ड डे में सफल भागीदारी और सहभागिता ने हरियाणा में धान की खेती के तरीकों को बदलने की संभावनाओं को स्पष्ट किया। मिलकर, हम एक अधिक स्थायी कृषि भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।