घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण की तरफ आकर्षित करना है, इस योजना के तहत ऐसे खंडों को शामिल किया गया है, जिसका भू-जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा पर पहुंच गया है।
इन ब्लाक में किसानों को कम से कम 50 प्रतिशत क्षेत्र में फसल विविधिकरण के तहत मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल लगाने की सलाह दी गई है। इतना ही नहीं किसानों को धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों द्वारा विविधिकरण के लिए प्रोत्साहन राशि 7 हजार रुपए प्रति एकड़ दी जाएगी, यह राशि किसानों को दो किस्तों में सीधे बैंक खाते में जमा करवा दी जाएगी।
विधायक ने मंगलवार बातचीत में बताया कि सरकार फसल विविधिकरण के तहत मेरा पानी मेरी विरासत योजना में किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। जो किसान स्वैच्छा से धान की बजाए मक्का, दलहन, कपास व अन्य फसले लगाएंगे, उन्हें 7 हजार रुपये राशि की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली किस्त पंजीकरण के सत्यापन पर 2 हजार रुपये की राशि तथा 5 हजार रुपये राशि की दूसरी किस्त फसल पकने पर दी जाएगी।
कृषि विभाग द्वारा वैकल्पिक फसले जैसे मक्का, बाजरा व कपास का फसल बीमा भी सरकारी खर्च पर ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्रथम चरण में डार्क जोन के खंड में ही दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार के निर्णय के अनुसार जो किसान 50 एचपी इलैक्ट्रिक मोटर के साथ टयूबवैल का संचालन कर रहे है, उन्हें ऐसे क्षेत्रों में धान न लगाने की भी सलाह दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सभी वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, बाजरा, दलहन की खरीद राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी।
किसानों को इस फसल विविधिकरण योजना के अंतर्गत अधिक उत्पादकता वाले मक्का के बीजों से बिजाई करने की सलाह भी कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि तथा किसान कल्याण विभाग मक्का की बिजाई के लिए न्यूमैटिक मक्का बिजाई मशीन सरकारी खर्च पर उपलब्ध करवाएगा तथा सामान्य मक्का बिजाई करने वाली मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान का भी प्रावधान होगा।