करनाल स्थित आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें जीवन में नशे से पूरी तरह दूर रहने के लिए प्रेरित करना रहा।
इस कार्यक्रम का संचालन नशा मुक्ति टीम एवं नोडल अधिकारी डॉक्टर सौभाग्य कौशिक द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल की सर्वोच्च न्यायाधीश ईराम हसन मुख्य अतिथि के रूप में विशेष रूप से उपस्थित रहीं। विद्यालय की प्रधानाचार्य रेणु राघव के साथ-साथ नशा मुक्ति केंद्र के काउंसलर हरीश और हर्ष ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
डॉक्टर ईराम हसन और डॉक्टर सौभाग्य कौशिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे और युवा ही देश का वास्तविक भविष्य हैं। यदि युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ जाती है तो न सिर्फ उनका व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है, बल्कि देश की प्रगति भी रुक जाती है। उन्होंने समझाया कि नशा शरीर को अंदर से कमजोर कर देता है, मानसिक संतुलन बिगाड़ देता है और परिवार तथा समाज पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
अपने विचार रखते हुए वक्ताओं ने विद्यार्थियों को वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम समझाए और उन्हें किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी। बच्चों को बताया गया कि शुरुआत में “मज़ाक” या “शौक” के तौर पर लिया गया नशा आगे चलकर गंभीर लत में बदल सकता है, जिससे पढ़ाई, करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन सब कुछ बर्बाद हो सकता है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्य, समस्त स्टाफ एवं सभी विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से नशा मुक्त जीवन जीने, सतर्क रहने और समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ ली। छात्रों ने यह संकल्प लिया कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और अपने साथियों को भी नशे से बचने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि एक स्वस्थ, जागरूक और नशा मुक्त समाज का निर्माण हो सके।