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JJP 7 दिसंबर को जींद के जुलाना में आठवां स्थापना दिवस मनाएगी, करनाल में तैयारी बैठक हुई।
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जिला प्रभारी कृष्ण राठी ने लक्ष्य रखा कि करनाल से हजारों कार्यकर्ता व समर्थक रैली में पहुँचें।
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नेताओं के अनुसार दुष्यंत चौटाला “उभरता सितारा”, सरकार में रहते कई फैसले, अब सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा।
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पंचायती राज में महिलाओं को 50% आरक्षण जैसे फैसलों को गिनाते हुए रैली के बाद “बड़े बदलाव” का दावा।
करनाल : जननायक जनता पार्टी (JJP) अपना आठवां स्थापना दिवस 7 दिसंबर को जींद जिले के जुलाना में मनाने जा रही है, जिसे सफल बनाने के लिए करनाल जिले में तैयारियाँ तेज कर दी गई हैं। करनाल की मानव सेवा संघ में आयोजित बैठक में जिला स्तर के पदाधिकारियों, हलका अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं, ताकि जिले से अधिक से अधिक संख्या में लोग स्थापना दिवस समारोह में शामिल हो सकें।
कार्यक्रम के जिला प्रभारी कृष्ण राठी ने बताया कि पार्टी जुलाना में स्थापना दिवस मना रही है और करनाल जिले की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। बैठक में सभी हलका अध्यक्षों और प्रभारियों को टारगेट दिया गया कि 7 दिसंबर की रैली को “लाखों की भीड़” वाली रैली बनाया जाए, क्योंकि JJP की पिछली पिंडारा रैली में भी भारी जनसमूह उमड़ा था और इस बार भी वैसा ही जोश देखने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि जब JJP शून्य से शुरू होकर 10 सीटों तक पहुँची थी तो दुष्यंत चौटाला के काम और उनकी कार्यशैली ने लोगों के बीच मजबूत प्रभाव छोड़ा था। राठी के अनुसार, एक साल से JJP सरकार से बाहर है, जिससे लोगों को “स्पष्ट दिख गया कि कौन अपना था, कौन पराया” और वर्तमान सरकार के प्रति जनता में गुस्सा है, जो जुलाना की रैली में दिखेगा।
कृष्ण राठी ने आरोप लगाया कि सरकार में रहते हुए दुष्यंत के कामकाज से भाजपा और कांग्रेस दोनों असहज हो गए और किसान आंदोलन के दौरान सारा ठीकरा JJP और दुष्यंत पर फोड़ने की “दुष्प्रचार राजनीति” की गई। उन्होंने दावा किया कि दुष्यंत ने उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए तेज़ी से काम किए, यहाँ तक कि “लंदन में बैठकर भी फाइलें निपटाने” जैसी बातें विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा भी स्वीकार की गईं, जिससे वे “चढ़ता सितारा” बन गए और इसी जलन में उनके “पैर काटने” की कोशिश हुई।
राठी ने कहा कि पिछली बार अगर JJP को 10 की बजाय 15 सीटें मिलतीं तो न कांग्रेस बहुमत में थी, न भाजपा, ऐसे में मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ही बनते, लेकिन “साज़िश के चलते” मौका हाथ से निकल गया। उन्होंने दावा किया कि अगली बार 30 सीटें भी पर्याप्त होंगी और दुष्यंत की उम्र अभी 37 साल है, आने वाले पांच साल में वह मुख्यमंत्री पद के लिए पूरी तरह तैयार चेहरा बनकर उभरेंगे।
जुलाना रैली से राजनीतिक “परिवर्तन की लहर” आने के सवाल पर कृष्ण राठी ने कहा कि 2018 की दिसंबर रैली की तरह इस बार भी लाखों की भीड़ आएगी, लोग नेता के विचार सुनेंगे और बदलाव अवश्य आएगा। उन्होंने कहा कि JJP रैली आयोजन में माहिर है और इस बार भी लाखों की बैठने की व्यवस्था वाले बड़े मैदान में जनता का सैलाब देखने को मिलेगा।
गुरुदेव रमाबा ने बताया कि स्थापना दिवस के संदर्भ में करनाल में आयोजित इस मीटिंग में प्रभारी कृष्ण राठी की मौजूदगी में सभी वरिष्ठ साथियों को बुलाकर जिम्मेदारियाँ बांटी गईं। उनका कहना था कि अगली 5–7 दिनों तक दिन–रात मेहनत कर प्रत्येक हलके से अधिकतम गाड़ियाँ और लोगों की संख्या सुनिश्चित की जाएगी, ताकि जुलाना रैली को ऐतिहासिक बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि करनाल जिले के पांचों विधानसभा हलकों में पहले ही व्यक्तिगत मीटिंग कर कार्यकर्ताओं की निजी गाड़ियों की सूची तैयार की गई है और जरूरत के अनुसार पार्टी की तरफ से अतिरिक्त गाड़ियाँ भी भेजी जाएंगी। अनुमान के अनुसार, करनाल से “हजारों की संख्या” में कार्यकर्ता और समर्थक जुलाना के लिए रवाना होंगे, जो JJP के जनाधार और संगठनात्मक ताकत को प्रदर्शित करेंगे।
गुरुदेव ने कहा कि सरकार में हिस्सेदारी के दौरान दुष्यंत चौटाला ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण, डिपो में 33% आरक्षण और कई अन्य फैसले लिए, जो आमजन और खासकर महिलाओं के लिए बड़े कदम थे। उनके अनुसार, दुष्यंत “उभरता हुआ सितारा” हैं और 7 दिसंबर की रैली के बाद प्रदेश की राजनीति में “बड़ा बदलाव” देखने को मिलेगा।
करनाल की मानव सेवा संघ में हुई इस तैयारी बैठक में कार्यकर्ताओं में जोश स्पष्ट दिखा और सभी का लक्ष्य जुलाना में होने वाले JJP के आठवें स्थापना दिवस को रिकॉर्ड-तोड़ भीड़ के साथ सफल बनाना है। कार्यक्रम के अंत में यह संदेश दिया गया कि 7 दिसंबर को जींद के जुलाना में होने वाले इस आयोजन में करनाल से लेकर पूरे हरियाणा तक से बड़ी संख्या में लोग दुष्यंत चौटाला का संबोधन सुनने पहुँचेंगे।