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PM मोदी के PM बनने वाले दिन जन्मे मानिक का नाम रखा गया ‘माणिक मोदी’।
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पानीपत से 10 वर्षीय मानिक साइकिल से कुरुक्षेत्र मोदी से मिलने पहुंचा, मुलाकात नहीं हो सकी।
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बीपीएल परिवार, न गैस सिलेंडर न प्लॉट; मां डेली वेज सर्वे वर्कर, पिता शारीरिक रूप से कमजोर।
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स्पोर्ट्स साइकिल और पढ़ाई–खेल में मदद के लिए सरकार और समाज से सहयोग की अपील।
कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के मौके पर पानीपत के उझा गांव से एक 10 वर्षीय बालक ‘मानिक मोदी’ साइकिल पर अपनी मां के साथ पीएम से मिलने पहुंचा, लेकिन सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कारण मुलाकात नहीं हो पाई। माता–पिता ने बेटे का नाम इसलिए ‘माणिक मोदी’ रखा क्योंकि 14 मई 2014 को जिस दिन नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने और शपथ ले रहे थे, उसी दिन पानीपत सेक्टर 11 स्थित श्री राम मंदिर में बच्चे का नामकरण संस्कार हुआ था।
बच्चे की मां बाला देवी ने बताया कि मानिक मोदी ढाई साल की उम्र से ही साइकिल चलाता है और अच्छे साइकिलिस्ट के रूप में पहचान बनाना चाहता है, लेकिन अब तक उसे सरकार से एक भी साइकिल नहीं मिली। उन्होंने कहा कि परिवार बीपीएल कार्डधारक है, फिर भी आज तक एक भी बीपीएल सिलेंडर नहीं मिला, मकान या प्लॉट नहीं है और आज भी मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है, जबकि पति शारीरिक रूप से कमजोर हैं और एक हाथ से ठीक से काम नहीं कर पाते।
बाला देवी ने बताया कि वह सरकारी अस्पताल में डेंगू–मलेरिया सर्वे का काम डेली वेज पर करती हैं, छह–छह महीने के कांट्रैक्ट पर लगाई जाती हैं और फिर हटा दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि पूरे इलाके में लोग उन्हें उनके नाम से नहीं, बल्कि “मोदी की मम्मी” के नाम से जानते हैं और सरकारी अस्पताल तक में यही नाम चल पड़ा है।
मानिक मोदी ने कहा कि वह गवर्नमेंट स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता है और उसे बचपन से ही पता है कि उसका नाम इसलिए मोदी रखा गया क्योंकि जिस दिन वह पैदा हुआ, उसी दिन नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे और नामकरण के दिन वे शपथ ले रहे थे। बच्चे ने बताया कि वह 10 वर्ष का है और पानीपत से कुरुक्षेत्र तक साइकिल पर आया है, ताकि अपने पसंदीदा प्रधानमंत्री से मिल सके।
परिवार का कहना है कि उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास भी मानिक के लिए स्पोर्ट्स साइकिल की मांग उठाई थी और स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से पत्र भी भिजवाया गया था। मां का कहना है कि 15 तारीख को साइकिल मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक स्पोर्ट्स साइकिल नहीं मिली, जबकि उनकी इच्छा है कि बेटा स्कूल जाकर पढ़े–लिखे और आगे चलकर बड़ा अफसर बने या साइकिलिंग में अपना नाम रोशन करे।
वीडियो में मौजूद संवाददाता ने भी आश्वासन दिया कि बच्चे की साइकिल और परिवार की मदद के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी और लोगों से आगे आकर सहयोग की अपील की। बातचीत के दौरान यह भी सामने आया कि परिवार पानीपत शहर में किराए के मकान में रहता है, उनके पास न जमीन है, न अपना प्लॉट और न ही रसोई गैस जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध है।
मानिक मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि वह मोदी जी का बड़ा प्रशंसक है और उनका सपना है कि एक दिन सीधे प्रधानमंत्री से मिलकर अपना परिचय दे सके। वीडियो के अंत में संवाददाता ने जनता से आग्रह किया कि वे इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक यह बात पहुंचे और “छोटे मोदी” की पढ़ाई और खेल दोनों में मदद हो सके।