अपना विचार मंच की मासिक बैठक निर्मल धाम मॉडल टाऊन करनाल में एस.के. सिंगल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें सामाजिक बुराईयों के अतिरिक्त कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से बैठक में चार चाँद लगा दिये। बैठक में जूडो कराटे के अध्यक्ष वाजिद ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि नारी का सम्मान करना हम सभी का फर्ज है और मातृ शक्ति का सबसे ऊँचा दर्जा माना गया है। बैठक में साऊथ एशियन हैंडो चैम्पियनशिप की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये हरियाणा सरकार की ओर से अपना विचार मंच के उपाध्यक्ष विक्की थाईलैंड में हो रही प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये गये थे जो थाईलंैड से गोल्ड मैडल मोमेंटो, प्रमाण-पत्र सहित वापिस लौटे। सभी सदस्यों ने उनके लिये भविष्य में प्रगति पथ पर आगे बढऩे का आर्शीवाद दिया। पी.डी. कपूर ने कहा कि अपने नसीब की हुई कुछ इस तरह से सहर, भटके हैं रोशनी के लिये हम तो उम्र भर। साबिर खान ने कहा कि – आज दुश्मन है निगेहबान खुदा खैर करे है हथेली पे मेरी जान खुदा खैर करे।
एस.के. सिंगल ने फिल्मी गीत के आधार पर कहा कि – पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द न जाने कोए। मंच प्रधान इंदुलेखा ने कहा कि खुदा की महोब्बत को फना कौन करेगा, सभी बंदे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा? मंच की पैट्रन मधु विश्रोई ने कहा कि -फांसला नजरों का धोखा भी तो हो सकता है, वो मिले या न मिले तू हाथ बढ़ाकर तो देख। कुलजिन्द्र विर्क ने कहा कि- सजने संवरने से हंसी कौन हुआ है, फूल वो ही जो फूल गुलशन में खिला है। टी.सी. अग्रवाल ने जिन्दगी के बारे में अपने विचार कुछ इस प्रकार से प्रकट किये वक्त हर वक्त को बदल देता है, वक्त को जरा वक्त तो दीजिए। संजीदा उर्फ शमां ने माँ के ऊपर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि उसको नहीं देखा हमने कभी, पर उसकी जरूरत क्या होगी ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी। विष्णु शर्मा बूढ़े माँ-बाप ने अपने विचार कुछ इस प्रकार से रखे- बूढ़े माँ-बाप को घर से निकाल रखा है, अजीब शौक हैं बेटों का कुत्तो को पाल रखा है। बैठक में अनिल चोपड़ा, जसमीत, दीपक, हर्ष जैन, मुनीश शर्मा, शशी शर्मा, जे.आर. कालड़ा, रूप नारायण चानना, जे.पी. सिंह, कैलाश गुप्ता, संजु मलिक, राज, किरण, संगीता मेहत्ता, रानी काम्बोज, रेनू, सुमन, सुखमणि, हिमानी आदि ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये।