जगत सदभावना संस्थान की ओर से शिव मंदिर सेक्टर छह में श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए सदभावना दूत भागवताचार्य डा. रमनीक कृष्ण ने कुंती के पावन प्रसंग का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा कि वास्तव में भगवान की सच्ची उपासना कुंती ने की। जिस समय अश्वथामा ने उत्तरा के गर्भ पर बाण छोड़ा तब भगवान ने सूक्ष्म रूप लेकर गर्भस्थ बालक की रक्षा की। कुंती ने भगवान को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि हे कृष्ण आप साक्षात भगवान हैं। तब गोविंद ने कहा कि बुआ अगर आपने मुझे भगवान मान ही लिया है तो इस भगवान से कुछ मांग तो लो। परंतु कुंती ने भगवान से ऐसी मांग कि जो आजतक किसी ने नहीं की। कुंती ने अपनी झोली फैलाई और कहा कि हे गोविंद अपने जीवन के सारे दुख मेरी झोली में डाल दो। भगवान भी विस्मित हो गए कि कुंती ने अपने जीवन में कौन सा सुख पाया है। आज भगवान साक्षात कुंती के सामने खड़े हैं, परंतु कुंती ने कुछ भी न मांगा। मांगा भी तो केवल दुख। डा. रमनीक ने कहा कि ऐसा होता है भगवान से विशुद्ध प्रेम करना। इस अवसर पर भगवान शुकदेव की सुंदर झांकी के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।