मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की राज्य कमेटी के फैसले के अनुसार सैकड़ों मिड डे मील वर्कर जिला प्रधान शिमला देवी के नेतृत्व में कर्ण पार्क में इक्टठा हुई। इसके बाद जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करती हुई कमेटी चौक पर पहुंची। सरकार को कुंभकर्णी की नींद से जगाने के लिए थाली को चम्मच से बजाती हुई वर्कर जमकर गरजी। नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिला सचिव कमलेश व उपप्रधान संतोष सालवन ने कहा कि वर्ष 2013 से मिड डे मील वर्कर के मानदेय में कोई बढ़ोतरी सरकार ने नहीं की है। इस समय मिड डे मील वर्कर केवल 2500 रुपए मिलता है और इस मानदेय के बदले में कम से कम 50 बच्चों का खाना बनाना पड़ता है।
सभी महीने वेतन भी नहीं दिया जाता। इस स्कीम में गरीब व विधवा महिलएं ज्यादा कार्यरत हैं। सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। मिड डे मील वर्करों को नियमित करते हुए चौथे दर्जे का कर्मचारी घोषित करने की मांग की गई। जिला कोषाध्यक्ष कृष्ण शर्मा व जिला सचिव सीटू जगपाल राणा ने कहा कि स्कूलों में मिड डे मील के कार्य भी सरकार निजी हाथों में दे रही है। यह भी मांग रखी गई कि 12वीं कक्षा तक मिड डे मील का विस्तार किया जाए। प्रसूति अवकाश 180 दिन का दिया जाए। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश सिहमार ने कहा कि यदि तमाम स्कीम वर्कर व कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया तो आने वाली 29 अप्रैल को करनाल में राज्य स्तरीय विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर जोगा सिंह, सुशील गुर्जर, ओमप्रकाश माटा, मूर्ति, सुनीता, अनीता, शीशपाल, रामपति, शशीबाला, कृष्णलाल व शशी ने भी वर्करों को संबोधित किया।