गायत्री परिवार की करनाल शाखा द्वारा फैडरेशन ऑफ प्राईवेट स्कूल हरियाणा के सहयोग से युवा शक्ति को श्रेष्ठ संस्कारों एवं आदर्श जीवन मूल्यों से जोडऩे के लिए ‘नवसृजन अभियान’ के तहत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्रेरणादायी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस श्रृंखला का एक सेमिनार आज विजेता सी.सै. स्कूल करनाल में आयोजित किया गया।
गायत्री परिवार से जुड़े आध्यात्मिक प्रवक्ता सुशील शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि विचारों की चमत्कारिक शक्ति का प्रयोग करके आप अपने जीवन को सार्थक दिशा प्रदान कर सकते हो। जीवन का निर्माण विचारों से ही होता है विचार यदि निम्न और नकारात्मक हों तो जीवन भी निम्न स्तर का बन जाता है और विचार श्रेष्ठ एवं सकारात्मक हों तो जीवन सफल और सार्थक बन जाता है। इसलिए प्रत्येक विद्यार्थी को श्रेष्ठ एवं उत्तम विचारों को अपनाने का निरंतर अभ्यास करना चाहिए। नकारात्मक विचार हमारे जीवन की ऊर्जा को भी नष्ट करते हैं इसलिए नकारात्मकता से बचना चाहिए। महापुरुषों के जीवन चरित्र पढऩे और सुनने से विचार शक्ति को नई ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करनी चाहिए। प्रात:काल उठते ही अपने माता पिता और बड़े बुजुर्गों को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। बड़ों को प्रणाम करने से आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीजें जीवन में अनायास ही बढ़ जाती है।
गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्य जगदीश पोसवाल ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आदर्श छात्र के निर्माण में अध्यापक की बहुत बड़ी भूमिका होती है। हमारी संस्कृति गुरु शिष्य की महान परंपरा की संवाहक है। अध्यापक अपने चिंतन और चरित्र के द्वारा विद्यार्थी का निर्माण करते है जो वास्तव में राष्ट्र निर्माण का ही कार्य है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य संतोष नारंग ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के द्वारा छात्रों एवं अध्यापकों के व्यक्तित्व निर्माण में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर फेडरेशन ऑफ प्राईवेट स्कूल के सदस्य संजय पठानिया, रवि शर्मा, रजत नारंग आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।