- किसान भू-जल को बचाने के लिए 15 जून से पहले धान की रोपाई ना करे:-उपायुक्त निशांत कुमार यादव
- धान की जगह मक्का व तिलहन-दलहन की फसलों को दे बढ़ावा, किसान सरकार की योजनाओं का उठाए लाभ।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि भू-जल को बचाने के लिए 15 जून से पहले धान की रोपाई पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है, जो किसान सरकार के आदेशों का उल्लघन करेगा तो अधिनियम 2009 के तहत प्रति एकड 4 हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा तथा धान को नष्ठï करने का खर्चा भी किसान से लिया जाएगा।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव मंगलवार को कृषि विभाग की ओर से आयोजित बैठक में भू-जल संरक्षण तथा निर्धारित समय अवधि से पहले धान की रोपाई को रोकने के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भूमि के अंधाधुंध दोहन से जल स्तर निरंतर नीचे जा रहा है, जिसके कारण कई जिले डार्क जोन में आ चुके है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा बरसाती सीजन शुरू होने से पहले यानी 15 जून से पहले धान की रोपाई पर प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि धान की जगह पानी की कम लागत वाली फसल जैसे मक्का, तिलहन व दलहन की फसलों को बढ़ावा दे और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मक्का की फसल को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति एकड 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है तथा मक्का को खरीदने की व्यवस्था समर्थन मूल्य पर की जाती है।
उन्होंने बताया कि धान के उगाने पर प्रति एकड 20 से 25 हजार रुपये प्रति एकड खर्चा आता है जबकि मक्का की काश्त पर 10 से 12 हजार रुपये खर्च होते है यानि मक्का की खेती करने पर प्रति एकड किसान को प्रोत्साहन राशि को मिला कर 20 से 22 हजार रुपये तक की बचत होती है।