समाधानांचल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट संतोष यादव द्वारा चलाए जा रहे त्रिवेणी लगाने के पुण्य कार्य को आगे बढ़ाते हुए आज जननायक जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं समाधानांचल की टीम ने जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्व. राजीव पाटा की स्मृति में चौ. देवीलाल की प्रतिमा के समक्ष 299वीं त्रिवेणी लगाई और उन्हें याद किया। इस दौरान सभी को त्रिवेणी से होने वाले लाभों के बारे में अवगत करवाया गया।
इस अवसर पर जजपा के शहरी अध्यक्ष अमनदीप चावला ने बड़, नीम और पीपल (त्रिवेणी) के पौधे रोपित करते हुए कहा कि त्रिवेणी ब्रह्मण, विष्णु और महेश की प्रतीक हैं, इसलिए त्रिवेणी लगाना ही नहीं बल्कि इसकी देखभाल करना भी हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी इंसान को प्राकृतिक शक्तियों की सवारी करवाती है।
हर वो इंसान जो श्रद्धाभाव एवं अध्यात्मिक भाव से त्रिवेणी को लगाता व लगवाता है या इसका पालन-पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं होता। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी लगाने से एक मानसिक सुख की अनुभूति महसूस होती है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि त्रिवेणी (बड़, नीम, पीपल) का शास्त्रोंं में विशेष महत्व है। जैसे-जैसे यह त्रिवेणी बढ़ती है वैसे-वैसे आपकी सुख-स्मृद्धि भी बढ़ती जाती है।
उन्होंने कहा कि हर इंसान के थोड़े-थोड़े योगदान से एक बड़ी चीज का निर्माण होता है। रातो-रात कुछ नहीं बदला जा सकता। जब एक बीज बोते हैं तो उसे भी बढऩे में समय लगता है। दूसरों की भलाई के लिए जो सांसे हमने जी हैं, वही जिन्दगी है।
इस अवसर पर रामदयाल बलड़ी ने कहा कि जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल-हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चलता रहता है। त्रिवेणी में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी लगाने से भविष्य में सकारात्मक लाभ प्राप्त होता है इसलिए हमें स्वयं ही नहीं बल्कि दूसरों को भी त्रिवेणी लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि त्रिवेणी लगाना संसार का सबसे श्रेष्ठतम एवं पुण्य कार्य है। बारिश बाढ़ नहीं बरकत लेकर आए इसका एकमात्र उपाय भी त्रिवेणी है। त्रिवेणी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देती है।
इस मौके पर जसमीत मल्होत्रा वैब डिजाईनर ने कहा कि ये जो पर्यावरण की लड़ाई है वो न्याय की लड़ाई है। हम ये मानते हैं कि वन, जलवायु और पर्यावरण सभी के सांझे सरोकार हैं और इन सांझे सरोकारों का निबाह करना भी हम सभी का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि ये त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका अध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थाई यज्ञ की संज्ञा दी गई है। इस अवसर पर हाकम सिंह, बावा बलड़ी, रवि दहिया, बहादुर सिंह, संजीव तोमर, परमदयाल, राजेश पधाना एवं मनु कारसा सहित अन्य उपस्थित रहे।