महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने कहा है कि व्यास पूर्णिमा गुरु शिष्य परम्परा पर मंथन और चिंतन का दिन है ।आज के दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित कर उनके चरणों मे अपने को समर्पित करते है।गुरु अपने शिष्य को अपना आशीर्वाद देते है।
उन्होंने कहा कि आज वेदव्यास न होते तो पुराण,वेद,और श्रीमद्भगवत गीता ने होती। वेद व्यास एक परम्परा का नाम है।जो सनातन काल तक जीवित रहेगी।उन्होंने कहा कि आज शिष्य को भी चिंतन करना चाहिये।उन्होंने कहा श्रेष्ठ शिष्य वही है जो गुरु को अपना सर्वस्व अर्पित कर दे।उस पर पूरा भरोसा करे।
उन्होंने कहा कि करनाल समेत प्रदेश के सभी जिलों में संक्रांति श्री मदभगवत गीता यज्ञ का आयोजन मोहल्ले ,वार्ड स्तर पर आयोजित किये जाएंगे। वह श्री कृष्ण परिवार तथा जीओ गीता परिवार द्वारा महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज के सानिध्य में व्यास: पूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
आज बारिश होने के बाद भी धर्मालुओं का गुरु पूजन के प्रति उत्साह कम होने का नाम नही ले रहा था।दूरदराज से पहुंचे हजारो महिला एवं पुरुष धर्मालु एक कतार में अपने गुरुवर स्वामी जी के चरणों का पूजन कर रहे थे।यह सिलसिला सुबह 5 बजे से 11बज कर 30 मिंनट तक चलता रहा। आयोजित किया जायेगा।
महाराज ने कहा कि जो महात्मा गांधी श्रीमद्भगवत गीता के उम्रभर उपासक रहे।उन्ही के अनुयायी आज गीता जयन्ती और महोत्सव के आयोजन पर सवाल उठा रहे है।उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश और राज्य सरकार श्रीमद्भगवत गीता के सन्देश को स्कूलों और कालेजो तक पहुंचा रही है ।यह सराहना के काविल है।
उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओ में व्यास जी का चित्र लगना चाहिये।इस अवसर पर पूर्व मेयर रेणु वाला गुप्ता,ब्रज गुप्ता स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चैयरमैन सुभाष चन्द्र,सुनील चावला,रूप नारायण चानना, हरकिशन गुप्ता,राम नारायण मिगलानी,कर्मचन्द खुराना,प्रीतम सिंह राणा,श्याम अरोड़ा, शाम बत्रा,सुरिंदर गुप्ता,भारत सरदाना,तिलक अरोड़ा, तथा श्री कृष्ण कृपा परिवार तथा जीओ गीता परिवार के सदस्य मौजूद थे।