तरावड़ी, 6 अप्रैल : शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा में अपने बलबूते पर चुनाव लडऩे का अहम फैसला लिया है। अब इस फैसले को सही साबित करके हरियाणा की सिख संगत को नया इतिहास रचना होगा। यह विचार शिरोमणि अकाली दल महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्षा बीबी जगीर कौर ने व्यक्त किए। वे ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तरावड़ी में जिला स्तरीय बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी।
इससे पहले यहां पहुंचने पर एसजीपीसी वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क, शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह गोबिंदगढ़, शिअद प्रदेशाध्यक्षा शरणजीत सिंह सौथा, एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार हर ाजन सिंह मसाना, जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, प्रताप सिंह, बलकार सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने बीबी जगीर कौर का सिरोपा पहना कर स्वागत किया।
बैठक में संबोधित करते हुए बीबी जगीर कौर ने कहा कि जिस तरह महिलाओं के बिना परिवार अधूरा होता है, उसी तरह राजनीति भी नारी जाति के बिना मुक्कमल नहीं हो सकती। इसलिए महिलाओं को स्वावलंबी बन कर सक्रिय राजनीति में उतरा होगा। राजनीति में बराबरी का यह दर्जा शिरोमणि अकाली दल ने शुरु से ही महिलाओं को दिया है।
अब हरियाणा की नारी को भी राजनीति में अग्रणी भूमिका निभा कर अपनी काबलियत साबित करने का मौका मिला है, जिसे भुनाना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत के लिए धरातल पर काम करने की जरुरत है। घर या फिर कार्यालय में बैठ कर पार्टी को मजबूत नहीं किया जा सकता, इसके लिए हमें घर-घर और जन-जन तक पहुंचना होगा।
जनता के सुख-दुख में खड़ा होने की अपील करते हुए बीबी जगीर कौर ने कहा कि पार्टी की नीतियों को आम लोगों तक पहुंचा कर ही हम अपनी पैंठ बना सकते हैं। जिला प्रधानों से सर्कल कार्यकारिणी बनाने और इस संबंध फीड बैक लेने की हिदायत भी बीबी जगीर कौर ने पार्टी के हरियाणा पदाधिकारियों को दी।
शिरोमणि अकाली दल महिला विंग कोर कमेटी की सदस्या बीबी करतार कौर ने कहा कि चुनाव लडऩे का निर्णय इतिहास रचेगा, क्योंकि प्रदेश के सिखों को इस निर्णय का बेसबरी से इंतजार था। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में सिखों को हमेशा दोगली नीति का सामना करना पड़ा है, इसलिए अब सिख संगत अपनी सरकार बना कर विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दें। शिअद हर वर्ग को साथ लेकर चला है और हरियाणा में भी यह नीति अपनाई जाएगी।
एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि चुनाव में जीत के लिए एकजुटता जरुरी है। इसलिए हमें अपनी ताकत दिखाने के लिए कंधे से कंधा मिला कर चलना होगा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ही एक ऐसी पार्टी है, जिसमें हर वर्ग के हित व अधिकार सुरक्षित हैं।
एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने हरियाणा में अपने बलबूते पर चुनाव लडऩे का ऐतिहासिक फैसला लेकर प्रदेश की सिख संगत की लंबित मांग को पूरा किया है। अब केवल हमें ईमानदारी और कर्मठता से काम करके पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए काम करना चाहिए, तांकि हरियाणा की राजनीति में बड़ा फेरबदल किया जा सकें।
बैठक में संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्षा शरणजीत सिंह सौथा ने गठबंधन से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब पहले से हालात नहीं है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल से हाथ नहीं मिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कम से कम 37 ऐसी सीटें है, जहां प्रत्याशी की जीत-हार का फैसला सिर्फ सिख व पंजाबी मतदाता ही करते हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय बैठकों का दौर खत्म हो चुका है तथा अब ब्लॉक स्तर पर काम करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
महिला विंग की हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष बीबी रंविदर कौर अजराना ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी होगी, तांकि प्रदेश में पार्टी मजबूत स्थिति में आ सकें। पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिए हमें जनसंपर्क अभियान चलाना चाहिए। इस अभियान में महिलाओं की अहम भूमिका से पार्टी को ओर भी मजबूती दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अपने मतभेद भुला कर एक साथ काम करना होगा। धर्म प्रचार कमेटी के मैंबर तजिंदरपाल सिंह ढिल्लो ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने हरियाणा की सिख संगत की लंबित मांग को पूरा करते हुए प्रदेश में अपने बलबूते पर चुनाव लडऩे का निर्णय लेकर प्रदेशवासियों का मान बढ़ाया है। इसलिए हमें कर्मठता से पार्टी के लिए काम करके चुनाव में प्रत्याशियों को जीत दिलानी होगी।
बैठक में बाबा जोगा सिंह, कंवलजीत सिंह अजराना, सिख मिशन प्रभारी मंगप्रीत सिंह, सुरेंद्रपाल सिंह रामगढिय़ा, अवतार सिंह गौरगढ़, प्रताप सिंह, बलकार सिंह, सुखवंत सिंह निसिंग, सूरत सिंह तरावड़ी, जरनैल सिंह भैणी, साहिब सिंह, विक्रम सिंह, करतार सिंह, दविंदर सिंह, गुरदीप सिंह, कंवलजीत सिंह, अवतार सिंह, गुरप्रीत सिंह, साहिब सिंह वड़ैच, मलूक सिंह, सुरेंंद्र सिंह, भूपिंदर सिंह, अमीर सिंह घरौंडा, हारजी सिंह, गुरदेव सिंह, सुरजीत सिंह, राम सिंह, बलवंत कौर, रमनदीप कौर, सिमरनजीत कौर, हर्षविंदर कौर, संदीप कौर, सुरिंदर कौर, कुलजिंदर कौर, हरविंदर कौर, गुरविंदर कौर सहित अन्य मौजूद रहे।