सरकार की ओर से खाद्य वस्तुओं की ट्रेडिंग वाले करियाणा व होटल, ढाबे जैसे ट्रेडर्स को कुछ जगहों से रजिस्ट्रेशन हटाकर ट्रेड लाईसेंस में बड़ी राहत दी है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इससे पूर्व हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट की धारा-335 के तहत खाद्य वस्तुओं से जुड़े ट्रेडर्स को फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इण्डिया (एफ.एस.एस.ए.आई.), श्रम विभाग, सिविल अस्पताल तथा मिनिस्ट्री ऑफ स्माल एंड मिडियम एंटरप्रोन्योर से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था।
अब इनमें से केवल दो यानि मिनिस्ट्री ऑफ स्माल एंड मिडियम एंटरप्रोन्योर के कार्यालय तथा श्रम विभाग के शॉप एस्टेबलिशमेंट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाकर ट्रेड लाईसेंस लिया जा सकता है, जो लाईफ टाईम के लिए बनता है। अन्य एस्टेब्लिश्मेंट के लिए ट्रेड लाईसेंस हर साल रिन्यू करवाना पड़ेगा।
नगर निगम आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने शुक्रवार को इस सबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेड लाईसेंस के लिए दूसरे डॉक्यूमेंट जैसे पेन कार्ड, आधार कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, दुकान की रजिस्ट्री की प्रति व प्रॉपर्टी टैक्स की अदायगी पहले की तरह ही जरूरी हैं। बता दें कि एक अनुमान के अनुसार म्यूनिसिपल एरिया में खाद्य वस्तुओं के करीब 7 से 8 हजार ट्रेडर्स हैं। जबकि दूसरे सामान के ट्रेडर्स की संख्या मिलाकर 22 से 25 हजार बनती है।
ट्रेड लाईसेंस की अनिवार्यता को लेकर आयुक्त ने शहर के सभी ट्रेडर्स से अपील की है कि वे कम्पलीट फाईल के साथ निगम कार्यालय में आकर अपना लाईसेंस ले लें, अन्यथा 1 मई के बाद शॉप टू शॉप जाकर चैकिंग की जाएगी और ट्रेड लाईसेंस नही पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा जुर्माना व लाईसेंस फीस दोनो वसूल की जाएंगी। उन्होने बताया कि ट्रेड लाईसेंस की फीस 1 हजार और अधिकतम 80 हजार तक निर्धारित है।
उन्होने बताया कि बैंक्वट हाल संचालकों के लिए भी ट्रेड लाईसेंस बनावाना जरूरी है। एक एकड़ क्षेत्रफल वाले वातानुकिलत बैक्वट हाल के लिए 30 हजार रूपये, 5 एकड़ तक के लिए 60 हजार तथा इससे ऊपर के लिए 80 हजार रूपये की फीस निर्धारित है। जबकि गैर वातानुकूलित के लिए क्रमश: 10, 25 और 50 हजार रूपये निर्धारित है।
इसके साथ-साथ फोर व्हीलर व टू व्हीलर वालो को भी ट्रेड लाईसेंस बनवाना होगा। इनकी फीस क्रमश: 50 हजार व 20 हजार निर्धारित है। इसके अतिरिक्त प्राईवेट अस्पतालों के लिए भी उनमें लगे बेड अनुसार अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है। इसके तहत 25 बेड तक 5 हजार तथा इससे ऊपर 10 हजार रूपये की फीस है। इनसे जुड़े ट्रेड लाईसेंस भी हर साल रिन्यू होंगे। दूसरी ओर बैंको द्वारा जगह-जगह लगाए गए ए.टी.एम. पर भी सालाना फीस 2 हजार रूपये रखी गई है।
आयुक्त ने सरकार के राहत भरे फैसले के बाद उम्मीद जताई है कि अब खाद्य वस्तुओं की ट्रेडिंग से जुड़े दुकानदार ज्यादा से ज्यादा संख्या में निगम में ट्रेड लाईसेंस के लिए आएंगे। इससे निगम की आय में वृद्धि होगी।