बुद्धा काॅलेज आॅफ एजूकेशन में विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष में ‘आर्युवेद स्वस्थ जीवन का विज्ञान’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि डाॅ. दिव्य प्रकाश शर्मा ने माँ सरस्वती के समक्ष पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापिका मुकेश मैहला द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रीती गुणवाल द्वारा बुक्के देकर किया गया। उन्होंने छात्रों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए आर्युवेद का ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने बताया आर्युवेद पर सबसे पुराने ग्रन्थ चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अंष्टांग हृदय हैं। इन ग्रन्थों में अन्तरिक्ष में पाए जाने वाले 05 तत्व: पृथ्वी, जल, वायु, जल अग्नि और आकाश हमारे व्यक्तिगत तंत्र पर क्या प्रभाव डालते हैं इसके बारे में बताया गया है।
उन्होंने विद्यार्थियों को स्वस्थ व आनन्दमय जीवन जीने के लिए 05 तत्व को संतुलित रखने का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि शरीर में अधिकतर रोग, असंतुलित भोजन का चुनाव, पाचन, मन का स्वभाव और भावनाओं पर आधारित है। उन्होंने छात्रों को बताया कि जिन लोगों में पृथ्वी तत्व और कफ दोष होता है उनका शरीर मजबूत होता है। उनमें धीरे-धीरे से पाचन होने की प्रवृति, स्मरण शक्ति, गहर स्मरण शक्ति और भावात्मक स्थिरता होती है।
जिन लोगों में पित्त और कफ प्रकृति होती है उनमें पित्त दोष प्रबल होता है। स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने छात्रों को स्वस्थ रहने के लिए योग, प्राणायाम, व्यायाम, सुबह की सैर की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होने छात्रों को बताया कि आर्युवेद यह भी मार्गदर्शन देता है कि मौसम में बदलाव के आधार पर जीवन शैली को कैसे अनुकूल बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के अन्त में प्राचार्य, डाॅ. मौ. रिजवान ने अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका धन्यवाद किया।