मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल की बेटी सहायक कमांडेट कैप्टन पैनी चौधरी के घर जाकर परिवार के साथ दुख सांझा किया। उन्होंने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि आज बड़ा दुख है कि हमारे बीच में हमारी उर्जावान बेटी जो देश की सेवा के लिए आगे बढ़ी और वह अपनी राष्ट्रभक्ति की मंशा पूरी ना करके हमारे बीच से चली गई।
इस प्रकार करनाल की कल्पना चावला की तरह एक ओर बेटी देश के नाम समर्पित हो गई। ऐसे में भारत माता ऐसी बेटी को देश के सम्मान के लिए बार-बार इस भूमि पर जन्म दें,मैं ऐसी कामना करता हूं और परिवार को आश्वासन दिलाता हूं कि सरकार की ओर से जो भी होगा,उसको पूरा करने का भरसक पर्यत्न किया जाएगा।
ऐसी बेटी बार-बार जन्म नहीं लेती,हमारा कत्र्तव्य है कि हम बेटी पैनी चौधरी को सदा याद रखें ताकि आने वाली पीढ़ी भी उनके पद चिन्हों पर आगे बढ़े और बेटी के माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरा समाज उन पर गर्व करें।
मुख्यमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं के बीच कृष्णा मंदिर के सभागार में वीरवार को खड़े होकर बेटी पैनी चौधरी की याद में 2 मिनट का मौन रखा और भगवान से प्रार्थना की कि इस दुख की घड़ी में परिवार को सांत्वना दें और परिवार आगे बढ़े। केन्द्र व हरियाणा सरकार सहायक कमांडेट कैप्टन पैनी चौधरी के परिवार के साथ हर समय खड़ा है।
बता दें पैनी चौधरी करनाल वासी नूर महल व जवेल्स होटलस के मालिक सेवानिवृत कर्नल मनबीर चौधरी की भतीजी ओर उनके छोटे भाई गुरमीत चौधरी की बेटी थी।
उसकी उम्र करीब 26 वर्ष थी,वह सेना के भारतीय तट रक्षक में सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात थी। करीब 18 दिन पहले हैलीकॉप्टर की एमरजेंसी लैंडिग में घायल हो गई थी और दो दिन पहले मुंबई के नेवी अस्पताल में उनका निधन हो गया। आज वीरवार को करनाल के मॉडल टाउन स्थित शिवपुरी में उनका हजारों नम आंखों ने अंतिम संस्कार किया।
इस अवसर पर हैफेड़ के चेयरमैन एवं घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण, शुगर फैड के चेयरमैन चंद्रप्रकाश कथूरिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेन्द्र सिंह,बीजेपी के जिलाध्यक्ष जगमोहन आंनद, नगर निगम की मेयर रेनू बाला गुप्ता, केडीबी के सदस्य राकेश नागपाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलेजा, पूर्व मंत्री शशिपाल मेहता, पूर्व विधायक सुमिता सिंह, योगेन्द्र राणा, बृजलाल शर्मा , इंडियन कोस्ट गार्ड के डिप्टी कमांडेंट उमेश व उनके साथी,के अलावा जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम करनाल नरेन्द्र पाल मलिक,तहसीलदार बालकिशन त्रिवेदी सहित कईं गणमान्य हस्तियां व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पिता ने दी बहादुर बेटी को मुखाग्रि
सहायक कमांडेट कैप्टन पैनी चौधरी का अंतिम संस्कार उनके पिता गुरमीत चौधरी ने अपने हाथों से किया। पिता को क्या पता था कि ऐसा भी समय उनके जीवन में आएगा कि वह ऐसी होनहार, ऊर्जावान बेटी को अपने हाथों में खिलाकर एक दिन उसकी ही चिता को मुखाग्रि देंगे। इस दृष्य को देखकर उपस्थित हजारों लोगों की आंखों में पानी था।
राजकीय सम्मान के साथ किया बहादुर बेटी का अंतिम संस्कार।
सहायक कमांडेट कैप्टन पैनी चौधरी का अंतिम संस्कार पर इंडियन कोस्ट गार्ड व हरियाणा पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और इस बहादुर बेटी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।