December 5, 2025
1 Dec 11

बदलते लाइफ स्टाइल के बीच बढ़ती बीमारियों और तमाम क्लीनिक–हॉस्पिटल्स के बीच सही इलाज और भरोसे की तलाश में जुटे लोगों के लिए Dr. Sharda Ayurveda बड़ा विकल्प बनकर उभर रहा है। करनाल के मॉडल टाउन में पिंक एंड ब्लू रेस्टोरेंट के सामने स्थित क्लिनिक पर रोजाना बड़ी संख्या में वे मरीज पहुंच रहे हैं जो खास तौर पर कमर दर्द (बैक पेन) और घुटने के दर्द (नी पेन) से लंबे समय से परेशान हैं और अब आयुर्वेदिक, बिना साइड इफेक्ट्स वाले इलाज से राहत महसूस कर रहे हैं।​

क्लिनिक में इन-हाउस फार्मेसी की व्यवस्था है, जहाँ डॉक्टर शारदा आयुर्वेदा की अपनी तैयार की गई दवाइयाँ मरीजों को दी जाती हैं। क्लिनिक प्रबंधन के अनुसार, इन दवाओं को इस तरह तैयार किया गया है कि वे शरीर पर साइड इफेक्ट डाले बिना धीरे-धीरे जड़ कारण (रूट कॉज) पर काम करती हैं और मरीज को लंबे समय के लिए आराम देने का प्रयास करती हैं।​

क्लिनिक में आए एक मरीज अमीर सिंह ने बताया कि उन्हें घुटनों में काफी समय से दर्द था, चलने–फिरने में दिक्कत होती थी और उन्होंने कई जगह इलाज कराया, लेकिन संतोषजनक फायदा नहीं मिला। मोबाइल पर Dr. Sharda Ayurveda के बारे में जानकारी मिलने के बाद वे करनाल क्लिनिक पहुँचे और लगभग दो महीने के इलाज के बाद अब चलने–बैठने में पहले से काफी फर्क महसूस कर रहे हैं।​

इसी तरह करनाल की इंदिरा कॉलोनी से आई रिंकी ने बताया कि उन्हें बाजू में इतना दर्द रहता था कि वे हाथ ठीक से उठा नहीं पाती थीं, आटा गूंथने या रोटी बनाने में भी परेशान रहती थीं। उन्होंने पहले अंग्रेजी दवाइयाँ काफी समय तक खाईं, जिससे सिर्फ थोड़ा-बहुत आराम और साइड इफेक्ट्स हुए, लेकिन यहां आयुर्वेदिक दवाइयाँ शुरू करने के लगभग दो महीने बाद अब वे अपना सारा काम सामान्य रूप से कर पा रही हैं।​

गांव कैलाश की बबीता ने बताया कि उन्हें करीब एक साल से घुटनों में दर्द की समस्या थी, उठने–बैठने और चलने पर घुटनों में तेज दर्द होता था। चार महीने पहले करनाल क्लिनिक में इलाज शुरू करने के बाद अब उन्हें काफी आराम है और सबसे खास बात यह है कि आयुर्वेदिक दवाओं से उन्हें किसी तरह का साइड इफेक्ट महसूस नहीं हुआ।​

करनाल की ही गीता ने कहा कि उन्हें लगभग दो साल से कमर में दर्द था और उन्होंने कई जगह से दवाइयाँ लेकर देखीं, पर स्थायी समाधान नहीं मिला। उनका कहना है कि Dr. Sharda Ayurveda की दवाइयाँ कुछ महीने से लेने के बाद अब उठने–बैठने में दिक्कत नहीं रहती और वे अन्य महिलाओं को भी सलाह देती हैं कि कमर और घुटनों के दर्द से परेशान होने पर यहां आकर आयुर्वेदिक इलाज अवश्य आजमाएँ।​

क्लिनिक से जुड़ी डॉक्टर पलक वर्मा ने बताया कि बैक पेन के कई मामले ऐसे होते हैं, जहाँ मरीज को लगता है दर्द सिर्फ पैर में है, जबकि असली समस्या कमर से निकलने वाली नसों में होती है। ऐसे मामलों में SLR जैसे क्लीनिकल टेस्ट के जरिए मरीज को लिटाकर पैर ऊपर उठाकर नर्व की स्थिति और रक्त प्रवाह की स्थिति जांची जाती है, जिससे बीमारी के स्टेज और गंभीरता का अंदाजा लगाकर इलाज तय किया जाता है।​

उन्होंने कहा कि कई बार महिलाएँ या अन्य मरीज वर्षों तक हल्के दर्द को नजरअंदाज करते रहते हैं, दर्द बढ़ने पर सिर्फ दर्दनाशक लेते हैं और जब दर्द सहन से बाहर हो जाता है, तब डॉक्टर के पास आते हैं, तब तक बीमारी दूसरी या तीसरी स्टेज तक पहुँच चुकी होती है। आयुर्वेदिक इलाज में ऐसे मामलों में समय लगता है, क्योंकि 5–10 साल पुरानी समस्या की जड़ पर काम करते हुए धीरे-धीरे शरीर को बेहतर स्टेज तक लाया जाता है।​

डॉ. पलक ने आयुर्वेद की खासियत बताते हुए कहा कि इलाज सिर्फ दवाई देने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि सबसे पहले मरीज की मानसिक स्थिति, तनाव स्तर और दिनचर्या को समझकर काउंसलिंग की जाती है। इसके बाद लाइफ स्टाइल में बदलाव, सही समय पर सोना–जागना, सुबह की वॉक, स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन जैसे सुझावों के साथ डाइट और रूटीन सेट किए जाते हैं, जिससे शरीर की हीलिंग नैचुरली शुरू हो सके और दवाइयाँ उसे सपोर्ट करते हुए काम करें।​

उन्होंने आयुर्वेद की मूल अवधारणा बताते हुए कहा कि शरीर त्रिदोष (वात, पित्त, कफ), सप्तधातु (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा आदि) और पंचमहाभूत (आकाश, वायु, तेज, आप, पृथ्वी) के संतुलन से बना है। जब इंसान प्रकृति से दूर होता है—जैसे समय से न उठना–सोना, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, निरंतर स्ट्रेस और डिप्रेशन—तो यह संतुलन बिगड़ता है और शरीर बीमारियों की चपेट में आता है, जिसे आयुर्वेद फिर से संतुलित करने की कोशिश करता है।​

क्लिनिक की ओपीडी सुविधा पूरे वर्ष उपलब्ध है और बताया गया कि करनाल स्थित Dr. Sharda Ayurveda क्लिनिक सप्ताह के सभी दिन (Monday to Sunday) सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है। मरीज गूगल पर “Karnal Dr. Sharda Ayurveda” सर्च कर सती गीता मंदिर के नजदीक स्थित इस क्लिनिक तक का लोकेशन मैप भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।​

करनाल के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान सहित कई राज्यों में Dr. Sharda Ayurveda की 17–18 शाखाएँ संचालित हो रही हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार की पुरानी और जटिल बीमारियों का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है। एंकर के अनुसार, यहां न सिर्फ बैक पेन और नी पेन बल्कि अन्य बीमारियों के लिए भी मरीज बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं और आयुर्वेद में समाधान तलाश रहे हैं।​

क्लिनिक टीम और डॉक्टरों ने लोगों से अपील की कि कमर और घुटनों के दर्द को हल्के में न लें और सिर्फ दर्दनाशक दवाइयों पर निर्भर रहने की बजाय समय पर विशेषज्ञ से जांच और आयुर्वेदिक इलाज शुरू करें। उनका कहना है कि सही समय पर इलाज, जीवनशैली में सुधार और साइड इफेक्ट्स से मुक्त आयुर्वेदिक दवाएँ मिलकर मरीजों को फिर से चलने, उठने और सामान्य जीवन जीने की ताकत दे सकती हैं।

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