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STF ने गैंगस्टर को पकड़ा, रिमांड में खुलासा: करनाल नेशनल हाईवे किनारे झाड़ियों में ग्रेनेड छुपाया।
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STF, FSL, सीआईडी और लोकल पुलिस ने हाईवे एरिया सील कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
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मधुबन से बम निरोधक दस्ता बुलाया गया, ग्रेनेड मिलने पर सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज करने की तैयारी।
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हाल में पेवा (कुरुक्षेत्र) में भी बदमाशों से ग्रेनेड मिला था, गैंगस्टर्स द्वारा बम के इस्तेमाल पर चिंता।
हरियाणा के करनाल में दिल्ली–चंडीगढ़ नेशनल हाईवे के किनारे झाड़ियों में हैंड ग्रेनेड छुपाए जाने की सूचना से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कुछ दिन पहले एक बड़े गैंग से जुड़े बदमाश को गिरफ्तार किया था, जिसने रिमांड के दौरान खुलासा किया कि उसने हाईवे के पास झाड़ियों में एक ग्रेनेड (हथगोला) छुपाया है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
सूचना मिलते ही STF की टीमें, फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) के विशेषज्ञ, सीआईडी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गईं और पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। एसटीएफ के डीएसपी अमन कुमार, इंस्पेक्टर दीपेंद्र सिंह राणा और सदर थाना के एसएचओ सहित कई अधिकारी हाईवे किनारे झाड़ियों वाले क्षेत्र में मौजूद रहे, जबकि आईजी स्तर के अधिकारी भी मौके के लिए रवाना हो गए।
मौके से मिली जानकारी के अनुसार, बदमाश ने पूछताछ में कबूला कि उसने करनाल नेशनल हाईवे के पास झाड़ियों में ग्रेनेड छुपाया है और उसके पास से हथियार व गोलियां भी बरामद हुई हैं। संदिग्ध स्थान को चिह्नित करने के बाद पुलिस ने उस पूरे हिस्से को सील कर आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
एसटीएफ और फॉरेंसिक की टीमें झाड़ियों में संभावित स्थानों की पहचान कर सर्च ऑपरेशन की तैयारी करती दिखीं, लेकिन बम निरोधक दस्ता (बम डिस्पोजल स्क्वाड) के पहुंचने तक टीमों को आगे बढ़ने से रोका गया। अधिकारियों ने मीडिया से भी अपील की कि वे सुरक्षित दूरी पर रहें, क्योंकि ग्रेनेड की वास्तविक स्थिति और संवेदनशीलता का आकलन बम निरोधक विशेषज्ञों के बिना संभव नहीं है।
जानकारी के अनुसार, मधुबन हरियाणा पुलिस अकादमी से बम निरोधक दस्ते की विशेष टीमों को अलर्ट पर रखा गया और उन्हें मौके के लिए रवाना कर दिया गया, ताकि यदि ग्रेनेड बरामद होता है तो उसे सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज किया जा सके। योजना के तहत बम स्क्वाड ग्रेनेड मिलने पर उसे मिट्टी में कई फुट नीचे दबाकर नियंत्रित तरीके से निष्क्रिय करेगा, जैसा कि पहले भी पेवा (कुरुक्षेत्र) के पास मिले ग्रेनेड के मामले में किया गया था।
पत्रकार के मुताबिक, हाल के दिनों में गैंगस्टर और आपराधिक गिरोह सिर्फ पिस्तौल–गोलियों से आगे बढ़कर बम और ग्रेनेड जैसे विस्फोटक का इस्तेमाल करने लगे हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। कुछ समय पहले सीआईए टीम ने पंजाब से आए दो बदमाशों को कुरुक्षेत्र के पेवा के पास पकड़ा था, जिनके पास से भी एक ग्रेनेड मिला था और बम निरोधक दस्ते ने उसे मौके पर डिफ्यूज किया था।
करनाल वाले ताज़ा मामले में भी पकड़ा गया बदमाश किसी बड़े वांटेड गैंग से ताल्लुक रखने वाला बताया जा रहा है, जिसने समय रहते गिरफ्तारी होने के बाद रिमांड में यह राज खोला। एसटीएफ की टीमें अब न केवल ग्रेनेड की तलाश में हैं, बल्कि यह पता लगाने में भी जुटी हैं कि इस हथगोले की सप्लाई कहां से हुई और इसके पीछे कौन–कौन लोग जुड़े हैं।
नेशनल हाईवे पर चल रहे इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने पूरे इलाके को सुरक्षा की दृष्टि से घेराबंद कर दिया, जिससे आम यातायात को सुरक्षित मार्ग से डायवर्ट किया जा सके। लाइव दृश्य में पुलिस की कई गाड़ियां, एसटीएफ, एफएसएल और सीआईडी की टीमें हाईवे किनारे तैनात दिखीं, जबकि झाड़ियों वाले हिस्से में केवल विशेषज्ञ टीमों को ही आगे जाने दिया गया।
वीडियो में बार–बार लोगों से अपील की गई कि वे इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा साझा करें और किसी भी संदिग्ध वस्तु, झाड़ियों या हाईवे किनारे छोड़े गए बैग आदि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पत्रकार ने कहा कि यह मामला केवल करनाल ही नहीं, पूरे हरियाणा के लिए चेतावनी है कि गैंगस्टर गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई और सतर्कता की जरूरत है, ताकि किसी संभावित बड़े हादसे को पहले ही रोका जा सके।