November 23, 2024

हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफ़ेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि अपनी भाषा, संस्कृति और परंपरा को भुलाकर कोई देश या समाज तरक्की नहीं कर सकता। इसलिए विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपनी मातृभाषा हिंदी और उसके साथ ही हरियाणवी बोली पर भी गर्व होना चाहिए। वे वीरवार को इन्द्री क्षेत्र के गांव कलरी जागीर में स्थित स्वामी विवेकानंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के वार्षिक समारोह में बोल रहे थे।  उन्होंने कहा कि  शिक्षा का उद्देश्य केवल अक्षर ज्ञान देना अथवा रोजगार के योग्य बनाना नहीं है। जो शिक्षा मनुष्य की भीतर मौजूद आत्मा की अनंत क्षमताओं का विकास और विस्तार नहीं करती वह सच्ची शिक्षा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया में भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व का परचम लहराने वाले युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि शिक्षा विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास का वह माध्यम है जो उसके शारीरिक और चारित्रिक निर्माण के रास्ते से व्यक्ति को परम तत्व परमात्मा से जोड़ती है। स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि कमजोर शरीर के साथ कोई व्यक्ति आत्मिक और बौद्धिक विकास भी नहीं कर सकता। भगवत गीता के संदेश को गीता श्लोक रट लेने मात्र से समझा नहीं जा सकता और खेल के मैदान में उन्हें अधिक गहराई के साथ समझा और जीवन में उतारा जा सकता है।

प्रो.वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि फिलहाल भारत में भले ही अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों का बोलबाला नजर आता हो मगर दुनिया भर में अब यह बात बड़े-बड़े शिक्षा विशेषज्ञ कहने लगे हैं कि प्राथमिक शिक्षा का माध्यम तो मातृभाषा ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमरीका सहित पश्चिमी देशों में आज इस बात पर पूरा जोर दिया जा रहा है कि बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में मिले क्योंकि मातृभाषा के माध्यम से प्राप्त प्राथमिक शिक्षा उन्हें अधिक सफल और सक्षम बनाती है। वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मातृभाषा के इस महत्त्व को स्वामी विवेकानंद ने आज से करीब सो साल पहले प्रतिपादित कर दिया था। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अंग्रेजी अवश्य सीखे मगर मातृभाषा हिंदी की कीमत पर अंग्रेजी को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर उपाध्य्क्ष जिला परिषद करनाल नरेंद्र कुमार, संगठन महामंत्री भारतीय किसान संघ सुरेंद्र कुमार, प्रभारी अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा करनाल सुरेंद्र गौतम, अध्यक्ष धनीराम कांबोज, नवीन कुमार स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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