करनाल
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के 4 विद्यार्थियों का चयन कोच्चि विश्वविद्यालय जापान के साकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम के अंतर्गत शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए हुआ है, ये चयन एमएचयू व कोच्चि विश्वविद्यालय जापान के बीच गत वर्ष हुए अनुसंधान-शैक्षणिक गतिविधियां बढ़ाने के करार के तहत हुआ है।
एमएचयू के माननीय कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने एमएचयू के 4 विद्यार्थियों का चयन कोच्चि विश्वविद्यालय जापान के लिए होने पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि कोच्चि विश्वविद्यालय के साथ एमएचयू का अनुसंधान ओर शैक्षणिक क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाने को लेकर गत वर्ष समझौता हुआ है, इसी के तहत एमएचयू के 4 विद्यार्थी जापान की कोच्चि विश्वविद्यालय जाएंगे। जहां पर चयनित विद्यार्थी, कोच्चि वि.वि. के विद्यार्थियों के साथ ज्ञान का आदान प्रदान करेंगे, वहां की तकनीकी जानेंगे, ट्रैनिंग के दौरान विभिन्न तकनीकों ओर ज्ञान अर्जित करेंगे, जो उनके लिए बहुत उपयोगी ओर सार्थक साबित होगा। कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि चयनित विद्यार्थी एक सप्ताह के लिए दिसम्बर माह में जापान जाएंगे, इस दौरान वहां पर किस प्रकार बागवानी खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तकनीकों, खेती बाड़ी के तरीके, शैक्षणिक, अनुसंधान के बारे में सटीकता के साथ जानकारी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि 4 विद्यार्थी इनमें 2 छात्राएं जसमीन, दीपिका, 2 छात्र हर्ष और मोहित शामिल है जो कि क्रमश: बीएससी द्वितीय- तृतीय वर्ष के विद्यार्थी है।
पूरे विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी समस्या: प्रो. सुरेश
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के माननीय कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए जद्दोजहद कर रहे है, जलवायु परिवर्तन के चलते प्राकृतिक आपदाएं, असमय ओलावृष्टि, अधिक बरसात, असमय सूखा आदि से होने वाले नुकसान की संभावना बनी रहती है। इन सबके चलते मझौले व छोटे किसानों के लिए खेती से अधिक पैदावार व अधिक आय लेना कड़ी चुनौती बना हुआ है। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के माननीय कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि उपरोक्त सभी चुनौतियों के निवारण के लिए एमएचयू ओर कोच्चि विश्वविद्यालय जापान के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ था।
दोनों विश्वविद्यालय मिलकर ये करेंगे काम
माननीय कुलपति प्रो सुरेश ने बताया कि इसके तहत ग्रीन हाउस के अंदर फल, सब्जियां, फूल व मसालों वाली फसलों पर सैंसर संवेदी तकनीक, जिससे ग्रीन हाउस में तापमान, आद्रर्ता, प्रकाश सश्लेषण आदि के वैज्ञानिक सिंद्धात पर विभिन्न् फसलों के लिए इंटरनेटस आफ प्लाटस (आईओपी) मॉडूयल तैयार किए जाएंगे। इस क्षेत्र में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय ओर कोच्चि विश्वविद्यालय जापान मिलकर काम कर रहे है ताकि हरियाणा राज्य के लिए इस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक बनाकर किसानों को उपलब्ध कराई जा सके। इससे बागवानी फसलों के उत्पादन, गुणवत्ता, अधिक आय की संभावनाएं बढ़ेंगी।
फोटो25केएनएल01 कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा।