December 26, 2024
sept19.10

करनाल/दीपाली धीमान : जिला पुलिस कप्तान मोहित हाण्डा के निर्देशानुसार आज जिला पुलिस की काउंसलिंग सेल टीम द्वारा शहीद उघम सिंह राजकीय स्नातकोतर महविघालय मटक माजरी, इन्द्री में महिला सशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके दौरान छात्राओं को महिलाओं के विरूद्व होने वाले अपराधों और महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।

इसके साथ-साथ उन्हें बताया गया कि आवश्यकता पड़ने पर किस प्रकार वे कानून की सहायता ले सकती हैं। काउंसलिंग सेल इन्चार्ज महिला निरीक्षक राजेश लता ने छात्राओं को बताया कि महिला सशक्तिकरण का मतलब है सभी महिलाओं को शक्तिशाली बनाना ताकि वे खुद के लिए निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। इसका मतलब है कि महिलाएं अपनी बात कह सकती हैं, अपने फैंसले खुद ले सकती हैं और अपनी पसंद का जीवन जी सकती हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सभी को मदद मिलती है। महिलाओं को सशक्त बनाने से न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से लाभ होता है बल्कि सामाजिक प्र्रगति और आर्थिक विकास भी होता है।

राजेश लता ने छात्राओं को महिला विरूद्व अपराधों के बारे में बताते हुए कहा कि यौन दुर्व्यवहार, शोषण और हिंसा, एसिड हमले, बलात्कार या बाल विवाह आदि महिलाओं के विरूद्व होने वाले अपराध हैं और इसके अलावा कई बार शादी के बाद ससुराल पक्ष द्वारा महिला को शारीरिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जाना भी महिला विरूद्व अपराधों में शामिल है।

उन्होंनें कहा कि सर्वप्रथम महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए, महिला चाहे विवाहित हो या अविवाहित वह अपने पति और परिवार के सदस्यों से भोजन, आवास, कपड़े, दवा आदि जैसे बुनियादी भरण-पोषण पाने की हकदार है।

इसके अलावा उनके इन हितों की रक्षा के लिए बहुत से कानून बनाए गए हैं, जिनके विषय में भी महिलाओं को ज्ञान होना अतिआवश्यक है। यह कानून जैसे दहेज निषेध अधिनियम, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण, महिलाओं का अभद्र चित्रण निषेध अधिनियम इत्यादि हैं।

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