December 24, 2024
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करनाल/कीर्ति कथूरिया :  करनाल की विख्यात लेखिका एवं समाजसेविका अंजु चौधरी ‘अनु’के उपन्यास वीमेन सोलो ट्रेवलर्स का विमोचन अल्फा सिटी करनाल के थ्रोंस हाल में हुआ । प्रदेश भर से पहुँचे साहित्यकारों के बीच हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य महावीर प्रसाद शास्त्री जी ने की। कार्यक्रम में डा. अशोक भाटिया ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अवधेश कुमार बच्चन, अंजु शर्मा व शैलेश तिवारी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथ के रूप में पहुंचे। उन्होंने अंजु चौधरी द्वारा लिखी गई उपन्यास वीमेन सोलो ट्रेलर्स का विमोचन करते हुए उन्हें बधाई व शुभकामनाएँ दी।

इस कार्यक्रम में कैथल, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, तरावड़ी सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों से पहुंचे साहित्याकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर अंजु चौधरी ने उपन्यास के बीज तत्व से लेकर उसके प्रकाशन तक के सफर पर प्रकाश डाला। साथ में उन्होंने कहा कि इस उपन्यास में कल्पना कम यथार्थ ज्यादा है।

कार्यक्रम की अध्यक्ष महावीर प्रसाद ने कहा कि वीमेन सोलो ट्रेवलर्स एक शानदार पुस्तक है। बहुत अरसे बाद ऐसी पुस्तक सामने आई है। महिलाओं के विषय में चमत्कारी ढंग से बात उठाने वाली महिला अंजु चौधरी अनु ने एक सराहनीय पहल की है। यह करनाल के लिए भी गर्व का विषय है कि ऐसी रचना करनाल से प्रस्तुत की जा रही है। आचार्य महवीर प्रसाद जी के अनुसार अंजु चौधरी ‘अनु’करनाल की पहली महिला उपन्यासकार हैं ।

वे चाहते हैं कि लेखिका की कलम से ऐसी रचनाएं भविष्य में भी आती रहें। विषय इस उपन्यास में लिया गया है ऐसे विषय पर एक महिला द्वारा लिखा जाना अपने आप में विशेष है। डॉक्टर अशोक भाटिया ने उपन्यास के तत्वों पर प्रकाश डाला और इस उपन्यास को एक सफल उपन्यास बताते हुए कहा कि उपन्यास में कोई लाग-लपेट नहीं है।

यह महिलाओं के लिए एक बेहतरीन उपन्यास है। लेखिका अंजु चौधरी ‘अनु’ का नवीनतम उपन्यास ‘वीमेन सोलो ट्रैवलर्स’ बहुत कुछ कहने को तैयार है। समाज-परिवार में जीवन गाड़ी की अहम हिस्सा होने के बावजूद उसे वह सुख चैन नसीब नहीं होता जो उसके अपने हिस्से के वाजिब हक होते हैं। कर्तव्य के मैदान में उससे चाहे जितनी दौड़ लगवाई जाए, वह कभी थकती नहीं।

फिर भी अधिकार की सीमा में उसके पर निर्ममता से कतर दिए जाते हैं। अंतस की इसी व्यथा कथा को, नारी के मन की सूक्ष्म जटिलताओं को परत दर परत उधेड़ती कहानियों का केंद्र है यह उपन्यास। ‘लैस्बियन’ ‘गे’ और ‘कपल स्वैपिंग’ स्वाद से जूझते हुए भी इसके पात्र अपनी बातें जिस तरह से प्रथम पुरुष के रूप में पीड़ा उजागर करते हैं वह विरल है

यह रचना कम शब्दों में बहुत कुछ समझाने के बाद आगे तक सोचने को विवश करती है।

इस अवसर पर रेशम कल्याण, ममता प्रवीन, ममता गुप्ता, कृष्ण गंभीर, विवेक राज, प्रद्युम्न भल्ला, कमलेश पालीवाल, एस. के सिंह, प्रेम सागर, सूबे सिंह सुजान, जय भारद्वाज तरावड़ी, भारत भूषण वर्मा, विवेक राज, दीपक पांचाल, कृष्ण निर्माण, सतविंदर राणा, कृष्ण गंभीर, राधेश्याम भारतीय व रेशमा कल्याण आदि मौजूद रहे।

अंजु चौधरी अनु की पुस्तकों को पहले भी मिली सराहना

इससे पहले भी अंजु चौधरी अनु द्वारा क्षितिजा, ऐ री सखी जो दो सहेलियों के आपस में बातचीत के उपर आधारित है। अंजु की ठहरा हुआ समय पुस्तक को भी लोगों ने काफी सराहा था और वह पुस्तक भी काफी चर्चित हुई थी। इस पुस्तक की कविताएँ खासकर महिलाओं को काफी पसंद आई थी। अंजु चौधरी अनु ने ‘मुझे मंजिलों की तलाश है’ पुस्तक लिखी जिसकी कहानियों काफी पंसद की गई थी।

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