करनाल/कीर्ति कथूरिया : आज दिनांक 3 अप्रैल 2024 को आदि प्रभू ऋषभदेव (आदिनाथ) का जन्म कल्याणक महोत्सव श्री दिगम्बर जैन मंदिर करनाल में बहुत ही श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया।
प्रात: भगवान का अभिषेक हुआ तत्पश्चात भगवान को स्वर्णमय पालकी में विराजमान कर भक्तजन मंगल गीत गाते व नृत्य करते हुए नगर भ्रमण के लिए भगवान महावीर चौक, सब्जीमंडी, सराफा बाजार व कलंदरी गेट मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर जी लौटे।
मार्ग में सैंकड़ों लोगों ने भगवान के दर्शन कर अपने को धन्य माना। भगवान को मंदिर जी की वेदी में मंत्रोच्चारण के मध्य पुन: विराजमान किया व आचार्य 108 श्री मानतुंगाचार्य द्वारा संस्कृत में रचित श्री भक्ताम्बर स्तोत्र का दीपार्चन कर आरती की गई।
ज्ञातव्य हो भगवान ऋषभदेव ने सृष्टि के आदि में पुत्री ब्राह्मी कुमारी व सुन्दरी कुमारी को लिपि ज्ञान व अंक विद्या का ज्ञान प्रदान किया व लिखने का उपदेश दिया था।
इसी प्रकार भरत, बाहुबली आदि पुत्रों व प्रजा को असि, मषि, कृषि, विद्या, वाणिज्य व शिल्प इन षट कर्मों का उपदेश देकर पाप रहित आजीविका के उपाय बताये। इसीलिए भगवान ऋषभदेव को युगादि पुरुष, आदि ब्रह्मा, विश्वकर्मा, स्रष्टा, कृतयुग विधाता और प्रजापति आदिनाथ आदि नामों से जाना जाता है।
भगवान ऋषभदेव का पौत्र मरीचि कुमार आगे चलकर अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर हुए हैं। भगवान ऋषभदेव माघ कृष्ण चतुर्दशी के दिन अष्टापद कैलाश पर्वत से निर्वाण प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त हुए।
भगवान की पालकी शोभायात्रा में अध्यक्ष श्री विरेश जैन व श्रीमती प्रियंग सुंदरी जैन के नेतृत्व में समाज के सैंकड़ों भव्य जीवों ने बढ़ चढक़र भाग लिया।