पंजाब के रूपनगर और एस. ए. एस. नगर के 42 ग्रामीण युवाओं और किसानों को राश्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में तीन दिवसीय वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन पर प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण में आए हुए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आज डा. दलीप गोसाई, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने कहा कि पंजाब राज्य में प्रति व्यक्ति प्र्रतिदिन दूध की उपलब्धता सभी राज्यों से अधिक है जबकि दूध की पैदावारी को ओर बढ़ाने की अपार संभावनाएं अभी भी है।
दल के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए डा. गोसांई ने पाया कि पंजाब के इन दोनों जिलों में ग्रामीण युवाओं और किसानों में बढ़ रहा है वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन के प्रति रूझान जिसके चलते मिश्रित खेती से वह आर्थिक लाभ ले पायेगे।
डा. गोसांई, ने बल देते हुए प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि वह उत्कृष्ठ और श्रेष्ठ संकर नस्ल की गाय और मुर्राह नस्ल की भैंसों को रखें और कृत्रिम गर्भाधान से अपने दुधारू प्षुओं की नस्ल को निरन्तर श्रेष्ठता की ओर बढ़ाते रहें।
उन्होंने बल देतु हुए कहा कि प्शुपालक पशुशालाओं का पुनवर्लाेकन कर उतने ही प्शु रखें जिनका वो वैज्ञानिक पद्धति से पोषण कर सकते हैं। पशुपालक सर्दी के मौसम में गायों और भैंसों को मौसम के अनुकूल रखने केे लिये पशुपालक पशुशालाओं में प्शुओं को मुहैया कराए विशेष सुविधाएं ताकि आरामदायक परिस्थितियों में रहने पर पशु अच्छी दूध उत्पादकता देकर उन्हें लाभ दें ंइस बात पर भी डा. गोसांई ने बल दिया।
कुलबीर सिंह सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन पर टिप्स दी तथा उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को प्शुओं के लिये सारा साल हरा चारा मुहैया करने पर भी अपने विचार रखे। डा. सुरेन्द्र गुप्ता, मुख्य तकनीकी अधिकारी ने स्वच्छ दुग्ध उत्पादन और लघु स्तर पर विभिन्न व्यंजन बनाने पर अपनी बात रखी।