करनाल/कीर्ति कथूरिया : भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम सरकार की ओर से जारी किए गए गेहूं की फसल के लिए वैल्यू कट नोटिफिकेशन के विरोध में उतर आई है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो किसान संगठन बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
बुधवार को यूनियन नेताओं ने करनाल की नई अनाजमंडी का दौरा किया।
कोर कमेटी सदस्य एवं प्रवक्ता बहादुर मेहला, जगदीप ओलख व ललित चौधरी ने कहा कि किसान पहले ही दोहरी मार झेल रहा है, ऊपर से ऐसे सरकारी फरमानों से किसान और टूट जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेशक हरियाणा सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने का फैसला लिया था, लेकिन धरातल पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ दिनों पहले भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई थी, जिस कारण गेहूं की फसल काफी बर्बाद हो गई है।
फसल खराब होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अब किसानों को आर्थिक तौर से भी काफी परेशानियों को सामना करना पड़ेगा। सरकार किसानों की हितेषी है तो उन्हें राहत पहुंचाने वाले फैसले ले। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को सरकार वहन करे।
किसान नेताओं ने कहा कि यह खेद की बात है कि केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार किसानों को बार-बार परेशान करने के लिए योजनाएं थोप देती है। भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम मांग करती है कि किसानों की खराब हुई फसलों का ज्यादा से ज्यादा मुआवजा शीघ्र दिया जाए।