करनाल (भव्य नागपाल): जेबीटी शिक्षकों को अनशन पर बैठे आज 11 दिन पूरे हो गए हें। पिछले दिनों पुरुष शिक्षकों ने सिर मुंडवाकर रोष जाहिर किया था और आज महिला शिक्षकों ने सिर से बाल कटवाकर अपना विरोध जताया। शिक्षकों ने कहा कि वह सरकार से नौकरी लेकर ही रहेंगे, इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
रविवार को धरने पर बैठे जेबीटी शिक्षकों के प्रदर्शन ने नया मोड़ ले लिया। 11 दिनों से अनशन पर बैठे 17 जेबीटी शिक्षकों ने कहा कि नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर लिए बिना वह धरना स्थल से नहीं उठेंगे। बहुत सी महिला शिक्षिकाओं ने सिर से बाल कटवाकर अपना विरोध जताया और स्वयं को घोर अपमानित महसूस कर रही शिक्षिकाओं ने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग ने उन पर जो अत्याचार किया है वह बेहद शर्मनाक है, “सरकार को नींद से जगाने के लिए ही हमने बाल कटवाए हैं। बेटियों को इस हालत में देखकर शायद सरकार को कुछ शर्म आ जाए।” रेशमा कम्बोज सहित 10 महिला शिक्षिकाओ ने चेतावनी दी है अगर सरकार जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नही करती तो वह अपने केश कत्ल करवा लेंगी। धरना स्थल पर शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है। परिवार के लोग अब धरने पर डट गए हैं।
इस बीच तबियन बिगडऩे के बाद कल्पना चावला मेडिकल कालेज में भर्ती करवाए गए 6 शिक्षक बिना इलाज करवाए वापस लौट आए हैं। रविवार को शिक्षक रिषीपाल,सुनीता, सीमा, पंकज रानी, सुशील, सूरज प्रकाश वापस धरना स्थल पर आ गए। उनका कहना है कि वह नौकरी मिलने तक इलाज भी नहीं करवाएंगे। साथ ही जेबीटी शिक्षकों के समर्थन में आए सर्व कर्मचारी संघ ने तीन अक्तूबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है। संघ के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सिहमार ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के साथ अन्याय किया है। एक महीना नौकरी पर रखने के बाद अचानक हटा देना कानून का उल्लंघन है। सर्व कर्मचारी संघ जेबीटी शिक्षकों के साथ है। तीन अक्तूबर को विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।