करनाल (भव्य नागपाल): स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पंचकुला हिंसा में मारे गए डेरा समर्थकों के लिए मुआवज़े और सरकारी नौकरी की मांग की है। विज का कहना है कि जैसे जाट आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवार वालों को मुआवज़ा और नौकरी दी गई थी, उसी आधार पर इस मामले में भी नौकरी समेत मुआवज़ा दिया जाना चाहिए।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 25 अगस्त को बाबा राम रहीम को सज़ा मिलने के बाद पंचकुला और सिरसा में हुई हिंसा में मारे गए 41 लोगों के परिवार वालों को 10 लाख मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है। विज ने अपनी यह मांग ख़ुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आगे रखते हुए यह तर्क दिया कि जिस तरह से सरकार ने 2016 में जाट आंदोलन हिंसा में मारे गए 30 लोगों के परिवार वालों को मुआवज़ा और नौकरी दी थी, वैसे ही इस मामले में भी सरकारी नौकरी और मुआवज़ा दिया जाना चाहिए। विज ने यह बात भी कही कि सरकार में रहते हुए वह भेदभाव नही कर सकते। विज ने कहा कि “यहाँ दो नियम नही हो सकती। जाट आरक्षण हिंसा के दौरान हमने मरने वालों को सरकारी नौकरी और दस लाख मुआवज़ा दिया था। क्योंकि इन दोनों मामलों में समानता ही है तो पंचकुला और सिरसा हिंसा में मारे गए लोगों के परीवार वालों को भी मुआवज़ा मिलना चाहिए।”
अनिल विज ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसा कहने से वह अपराधियों और दंगाईयों का समर्थन नही कर रहे लेकिन दोनों मामलों में लोगों की मौत पुलिस की कार्यवाही में हुई थी। विज ने बीती रात चंडीगढ़ में मंत्री समूह की अनोपचारिक बैठक में यह बात रखी थी। वहीं आज इस मामले पर पंचकुला स्तिथ मनसा देवी मंदिर पहुँचे सी.एम. खट्टर ने विज की इस बात पर जवाब दिया है। सी.एम. ने कहा कि मुआवज़े पर निर्णय हाई कोर्ट के आदेश पर ही लिया जाएगा और जैसा कोर्ट बालेगी वैसी ही कार्यवाही की जाएगी।