रिपोर्ट – कमल मिड्ढा: एक्शन मूड में रहे सीएम, नगर निगम अधिकारियों के छूटे पसीने, सीएम ने किया गांव की मुख्य सड़क का औचक निरीक्षण
सीएम ने भाजपा कार्यकर्ता से पूछा: कटाबाग में गलियों व नालियों की समस्या को लेकर किससे मिले नाम बताएं, सीएम ने कई बार पूछा, पर कार्यकर्ता सुभाष ने लास्ट में मेयर व कमिश्नर का नाम लिया, लेकिन तब तक उनका गुस्सा शांत हो गया था, नहीं तो अधिकारियों पर गाज गिर सकती थी
करनाल: विधानसभा चुनाव की तैयारियाें के तहत शहर में अपने कायर्क्रमाें की शृंखला के अंतर्गत जब रामपुरा कटा बाग में सीएम मनोहर लाल कार्यक्रम स्थल पर न जाकर सीधे गांव में चले गए। लेकिन वहां पर सड़कों का बुरा हाल देखकर सीएम कड़क हो गए। उन्होंने कटाबाग में एंट्री रोड पर कीचड़ से भरी सड़क पर उतरते हुए पूछा काॅरपोरेशन के लोग कहां है। तभी चीफ इंजीनियर रमन शर्मा व डीएमसी धीरज कुमार उपस्थित होते हैं। सीएम बोले: ये क्या है।
इस पर अधिकारी बोले सर एक्शन हो रहा है। सीएम बोले: क्या साढ़े चार साल से एक्शन ही हो रहा है। अप्रूव्ड हुए भी दो साल हो गए हैं, अब तक काम क्यों नहीं हुआ। आगे भी यही हाल है न बताइए, नहीं तो मैं कीचड़ से ही जाऊंगा। इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ता सुभाष से सीएम बोले, आप बताइए आपने किसको काम के लिए बोला। तीन बार सीएम ने यही पूछा बताओ किसको कहा काम के लिए।
लेकिन बार-बार पूछने पर पार्षद जयभगवान के भाई सुभाष ने कोई सुनता ही नहीं कहते हुए आखिर में यही कहा कि मेयर को भी कहा और कमिश्नर को भी बोला। सीएम ने तुरंत डीएमसी से पूछा कमिश्नर कहां हैं, तो उन्होंने जवाब दिया सर इलेक्शन से संबंधित वर्कशॉप में गए हैं। ऐसे में सीएम ने पूछा कब तक यहां की समस्या का हल करोगे, जवाब में अधिकारी बोले 15 दिनों में।
इस पर सीएम ने कहा कि एक महीने बाद कीचड़ दिखाई दिया तो सोच लेना…। सीएम की कड़की से अधिकारियों के पसीने छूटते दिखाई दिए।
म्हारा काम हो या न हो एक बार आगे जाकर देख लो
नगर निगम के अधिकारियों को पानी निकासी व सड़कों की हालत सुधारने के निर्देश देने के बाद सीएम चलने लगे तो वहां पर खड़ी महिलाओं व पुरुषों ने कहा कि म्हारा काम हो या न हो एक बार आगे जाकर देख लो जी।
इस पर सीएम बोले मैंने देख भी लिया और अधिकारियों को कह भी दिया। जल्द पानी की निकासी की जाएगी।
सभी इंजीनियर कटाबाग का काम पहले करेंगे और सब बाद में इसके बाद सीएम ने कार्यक्रम स्थल पर कोई ज्यादा भाषण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि शुगर मिल के एरिया में पानी निकासी की जाएगी।
सीवर के साथ-साथ गली नालियां भी बनाई जाएंगी। अब सभी इंजीनियर कटाबाग का काम पहले करेंगे और सारा काम बाद में।
गांव के बच्चे, महिला व बुजुर्ग बोले, 15 सालों से नरक में पड़े
गांव की कोई गली ऐसी नहीं जो चलने लायक हो। गलियों में नालियों को पानी चल रहा है। घरों के दरवाजों को पार कर गंदा पानी खड़ा है। कीचड़ से सनी सड़कों से लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। स्कूल में बच्चे नहीं जा पा रहे हैं। महिला सलोचना, सुमन, सोनिया, कमला देवी, गुड्डी ने कहा कि घरों में गंदा पानी आज तक खड़ा है। घराें में सांप, बिच्छु जैसे जहरीले जानवर घुस रहे हैं। वे लोग पिछले 15 सालों से नरक में पड़े हैं।
हां, चीफ इंजीनियर जी रामपुरा कटाबाग के ये हालात क्यों हैं? अब काम क्यों चल रहा है, आपने साढ़े चार साल तक क्या किया? लोग मेरे को समस्या बता रहे हैं, आपको नहीं बताई क्या? इतने बुरे हालात को यहां के जहां पर मैं खड़ा हूं, लोग ये भी कह रहे हैं कि इससे आगे चलेंगे तो और बुरे हालात हैं।
ये ठीक बात नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये शब्द प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर रमन शर्मा से कहे। नरक जैसे हालात देख तल्ख सीएम ने आदेश दिए कि आगामी एक माह में यहां सब कुछ ठीक होना चाहिए।
शनिवार को प्रदेश के मुखिया और करनाल से विधायक मनोहर लाल का करनाल में प्रवास रहा। दिनभर कार्यकर्ताओं के घर चाय-पानी और आवागमन रहा। इसी बीच सीएम ने करीब 28 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास व उद्घाटन भी किया। प्रशासनिक अमलेे ने पूरा प्रयास किया कि सीएम को उन्हीं स्थानों पर ले जाया जाए, जहां के हालात ठीक हों, लेकिन सीएम के कार्यक्रम एक कार्यक्रम मेरठ रोड स्थित रामपुरा कटा बाग का भी तय हो गया।
कार्यक्रम को लेकर जब अधिकारी कटा बाग पहुंचे तो वहां के नरक जैसे हालात देखकर दंग रह गए। प्रशासनिक अमले के साथ-साथ खुफिया विभाग तक के कर्मचारियों ने इसकी रिपोर्ट दी कि यहां पर कार्यक्रम होना मुश्किल है। इस पर नगर निगम समेत प्रशासनिक अधिकारियों ने कोशिश की कि किसी भी सूरत में सीएम को कॉलोनी के अंदर न जाने दिया जाए।
इसको लेकर पूरा प्लान भी तैयार किया, और कार्यक्रम कॉलोनी से बाहर रखा गया। लेकिन इसी बात सीएम को इसकी भनक लग गई। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों ने सुबह से ही कटाबाग में आनन-फानन में पूरा अमला लगा दिया। करीब दस जेसीबी, सफाई कर्मचारी। कोई सफाई में जुटा था तो कोई कीचड़ को हटाने में। जहां वर्षों से सफाई नहीं हुई, वहां पर खुद अधिकारी खड़े होकर कार्य करा रहे थे।
अधिकारियों ने तमाम कोशिशें की कि किसी प्रकार से समस्याओं को दबा दिया जाए और दिखाया जाए कि यहां पर कार्य चल रहा है। इतना ही नहीं आनन फानन में गलियों के लिए टाइलें तक पहुंचा दी गई, ताकि ये लगे कि यहां पर विकास कार्य चल रहा है।
तय कार्यक्रम से एक घंटा देरी से पहुंचे सीएम सीधे कार्यक्रम स्थल पर न जाकर कटा बाग कालोनी के अंदर पहुंच गए। बस फिर क्या था। यहां के हालात देख खुद सीएम भी चौंक गए। सीएम की गाड़ी मुड़ते ही तमाम अमला भी उनके पीछे पीछे दौड़े। कच्ची गलियां और वहां पर जमा कीचड़ ने नगर निगम द्वारा कराए गए विकास का कहानी बयां कर दी। इस पर सीएम ने न