शेखपुरा स्थित सोलिड वेस्ट मेनेजमैंट प्लांट में मेन रोड के साथ ऊंची दीवार बनाई जाएगी। दीवार के साथ-साथ प्लांटेशन भी किया जाएगा। इसके साथ-साथ प्लांट को पूरी क्षमता के साथ चलाना सुनिशचित किया जाएगा। यह जानकारी नगर निगम आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने आज शेखपुरा स्थित सोलिड वेस्ट मेनेजमैंट प्लांट का दौरा करने के उपरान्त दी। उनके साथ निगम के मुख्य अभियंता अनिल मेहता, उपनिगमायुक्त रोहताश बिशनोई तथा कार्यकारी अधिकारी धीरज कुमार भी थे। आयुक्त ने प्लांट में एकत्र कूड़े-कचरे में से सोलिड पदार्थों को अलग करने वाली प्री-सैग्रीगेशन मषीन, पोस्ट सैग्रीगेशन और कम्पोस्ट बनाने वाले रिफाईनमेंट सैशन में लगी मशीनों की कारगुजारी को देखा। इस अवसर पर उन्होने सोलिड वेस्ट प्लांट को चलाने वाली एजेंसी आकांक्षा एंटरप्राईजि़ज़ के कर्मचारी तथा निगम के अधिकारियों से प्लांट बारे जानकारी ली।
उन्होने आयुक्त को अवगत करवाया कि पोस्ट सैग्रीगेशन कचरे को एक दिन में ही खाद बनाने वाले रिफाईनमेंट सैक्षन में नहीं भेजा जाता। इसे डि-कम्पोज़ की अवस्था में लाने के लिए कुछ दिनों तक परिसर में रखा जाता है। इस अवधि में इस पर कैमीकल का स्प्रे किया जाता है, जिससे इसमें बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं,
जो मिथेन के साथ मिलकर इसे कम्पोस्ट में परिवर्तित होने योग्य बनाते हैं। इसके पश्चात उन्होने आर.डी.एफ. (रिफ्यूज़ड डिराईवड फ्यूल) सैक्षन का भी निरीक्षण किया। इस सैक्षन में प्री-सैग्रीगेशन से निकले कूड़े-कचरे में से बेकार रस्सी, कपड़ा, नारियल व लकड़ी के टुकड़े मैन्यूअली छांटे जाते हैं, जिन्हे आर.डी.एफ. सैक्षन में लगी मशीनों में ले जाकर फ्यूल के बंडल बनाए जाते हैं। यह फ्यूल बायलरों व ईंट के भठ्ठो में काम आता हैं। उन्होने कूड़े-कचरे से निकले वेस्ट प्लास्टिक से पैलेट्स (गोले) बनाने वाली मशीन, प्लास्टिक ष्रैडर का भी निरीक्षण किया। उन्होने अधिकारियों को निर्देष दिए कि इसे एक्टीवेट रखा जाए। उन्होने वे-ब्रिज (तोल कांटा) का भी निरीक्षण किया और वहां रखे रिकॉर्ड रजिस्टर को चैक किया।