(कमल मिढा, मालक सिंह): हरियाणा के पांच निगम चुनावों के नतीजे जहाँ भाजपा के लिए राहत लेकर आये थे, वही अब जींद उपचुनाव ने जनवरी की ठंड में भी प्रदेश की सियासत को फिर से गर्म कर दिया है।
हरीचंद मिड्ढा की मृत्यु के बाद से जींद की एम एल ए की सीट खाली पड़ी थी कई महीनों से जींद उपचुनाव की बातें चल रही थी कि कौन सी पार्टी इस सीट को जीतेगी।
कांग्रेस ने देर रात हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता व कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को चुनाव के मैदान में उतारा है। दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में स्थित कांग्रेस के दफ्तर में बुधवार सुबह 10 बजे मीटिंग हुई थी पर किसी भी कैंडिडेट पर सहमति नहीं बन पाई। शाम को दोबारा कांग्रेस की मीटिंग हुई जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम पर सहमति बनी। रणदीप सिंह सुरजेवाला के जींद उपचुनाव के मैदान में उतरने से मुकाबला ज्यादा रोचक हो गया है।
क्या 2019 में कांग्रेस रणदीप सिंह सुरजेवाला को मुख्यमंत्री का चेहरा बना हरियाणा में चुनाव लड़ सकती है?
वही रणदीप सुरजेवाला हमेशा से मुख्यमंत्री पद के दावेदार होने की बात से किनारा करते आये है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से हरियाणा में होने वाली रैलीयों से तो यहीं लग रहा है कि रणदीप सुरजेवाला दिल्ली में बैठककर हरियाणा में निशाना लगाना चाहते है।
दुष्यंत चौटाला की जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) दिग्विजय चौटाला पर अपना दावा खेल सकती है। वही जेजेपी पूर्व विधायक बृजमोहन सिंगला के बेटे अंशुल सिंगला के नाम पर भी विचार कर सकती है।
इनेलो कर्ण सिंह चौटाला या बलजीत सिंह रेढू को चुनाव मैदान में उतार सकती है।
जींद उपचुनाव पर पूरे प्रदेश की नज़र रहेगी, क्योंकि इसको 2019 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।