गत दिनों मुगल कैनाल के एक एस.सी.ओ. से नोटो से भरी सेफ की चोरी के संबंध में गिरफतार किए गए मुख्य आरोपी के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार करनाल पुलिस की सी.आई.ए-1 टीम ने इस बड़े मामले को ट्रेस कर वारदात के मुख्य आरोपी को गिरफतार कर लिया है व उससे चोरी के 5,00,000 लाख रूपये भी बरामद किए है। उन्होंने बताया कि उससे पूछताछ कर उसके अन्य साथीयों के नाम भी पुलिस के सामने आ चुके हैं, जिन्हें जल्द ही गिरफतार किया जाएगा।
मुगल कैनाल करनाल पर एस.सी.ओ. नं0-111 स्थित स्वाधार फाईनेंस कम्पनी के सभी कर्मचारी शाम के समय आफिस बंद करके चले गए थे। दिनांक 25.03.18 की सुबह के समय कर्मचारियों ने आकर देखा तो स्टाक चैम्बर का ताला टुटा हुआ था और जिस तिजौरी में शाम के समय वे पैसे रखकर गए थे, वो तिजौरी ही वहां से गायब थी। कंपनी के कर्मीयों द्वारा वारदात की सुचना करनाल पुलिस को दी गई, पुलिस टीम ने मौका पर पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया व इस संबंध में थाना सिविल लाईन में मुकदमा नं0- 246/25.03.18 धारा 457,380 भा.द.स. दर्ज किया गया।
पुलिस टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार को सीढ़ी बनाकर उनके हाथ इस कंपनी की फतीयाबाद ब्रांच के मैनेजर दीपक शर्मा पुत्र रामनाथ वासी रांवर थाना मधुबन जिला करनाल के गिरेबान तक पहुंचे। दिनांक 12.04.18 को इस मामले में उन्होंने अपनी टीम के साथ दीपक को रांवर रोड़ करनाल पर नहर के पास से गिरफतार किया, जिसे दिनांक 13.04.18 को अदालत के सामने पेषकर दिनांक 16.04.18 तक पुलिस रिमांड हासिल किया गया। रिमांड के दौरान पुलिस टीम द्वारा आरोपी के साथ गहनता से पूछताछ की गई।
दीपक ने करीब दो/ढ़ाई महीने पहले कंपनी में ज्वाईन किया था और कंपनी की करनाल ब्रांच में कंपनी के कार्य को सिखने के लिए एक सप्ताह की ट्रेनिंग ली थी, जिस वजह से करनाल ब्रांच का पूरा स्टाफ दीपक को बड़े अच्छे से जानता था। फतीयाबाद में कंपनी के मैनेजर के रूप में कार्य करते हुए अन्य तीनों आरोपी उसके दोस्त बन गए और एक रोज शाम को ड्रिंक करते हुए उन्होंने कंपनी के पैसों पर हाथ साफ करने की योजना बनाई।
जिसके तहत दिनांक 24.03.18 को दीपक व कृष्ण कंपनी की करनाल ब्रांच में पहुंचे और कृष्ण को निचे खड़ाकर दीपक उपर आफिस में चला गया व उसने काफी लंबा समय ब्रांच में व्यतित किया। उसपर किसी को शक भी नही हुआ और उसने ब्रांच के बारे पूरी जानकारी भी जुटा ली। फिर वहां से जाने के बाद उन्होंने बिटृटू व प्रवीन से संपर्क किया और जुम कार से एक इनडैवर गाड़ी आन लाईन किराये पर ली और देररात घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद दीपक को उसके गांव रांवर छोड़ अन्य तीनों आरोपी सेफ को अपने साथ लेकर वहां से फरार हो गए।
इसके बाद इन्होंने फोन के माध्यम से संपर्क किया और दिनांक 01.04.18 दिन रविवार को दीपक को पानीपत आकर अपने हिस्से के पैसे ले जाने के लिए कहा, जो दीपक को पानीपत बस स्टैंड पर 6,00,000 रूपये देकर वे तीनों फिर से रफुचक्कर हो गए। अब पुलिस द्वारा बहुत जल्द इन तीनों आरोपीयों को गिरफतार किया जाएगा व फाइनेंस कंपनी का पैसा इनसे बरामद किया जाएगा।