December 23, 2024
cm-khatter-narendar-modi-114

(कमल मिड्डा): मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार को हरियाणा में “उम्मीदों की सरकार” भी कहा गया था कई क्षेत्रों में सरकार ने इस वाक्य को सार्थक भी किया है। लेकिन बहुत सी ऐसी घटनाएं भी हरियाणा में हुई है। जिनकी वजह से सरकार की खूब फ़जीहत हुई है।

कानून व्यवस्था को बनाये रखने की कोशिश में सरकार के कई बार पसीने छुटे है। रामपाल करौंथा मामला, जाट रिजर्वेशन और पंचकूला की आग की गर्मी शायद दिल्ली में महसूस हुई हो। हरियाणा दिल्ली से सटा हुआ है। हरियाणा में हुई किसी भी घटना की आवाज दिल्ली में बहुत जल्दी गूँजती है। शायद इसी वजह से दिल्ली में पहुंचे संदेशो ने हरियाणा के लिए नकारात्मक माहौल बना दिया है।

पता नहीं क्यों हरियाणा का और दिल्ली के संबंध अच्छे नहीं लग रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की थी। शायद ही नरेंद्र मोदी ने उसके बाद कभी हरियाणा में आने की उत्सुकता दिखाई हो। वही दूसरी ओर कई भाजपा शासित राज्यों में प्रधानमंत्री 5 साल में कई दौरे कर चुके है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र में दो दिन से शहर के हर चौक चौराहों पर चाय पर चर्चा हो रही थी कि प्रधानमंत्री 5 मई को करनाल के कुटेल में बनने वाली पंडित दीन दयाल मेडिकल यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने आएंगे।

अचानक कार्यक्रम के कैंसिल हो जाने की वजह तो सामने नहीं आई किन्तु लोगों ने अपनी सोच और ज्ञान से अपने-अपने हिसाब से मतलब निकालने शुरू कर दिए है। कुछ लोग यह कहते हुए भी सुने गए है कि कैलाश विजवर्गीय के दौरे के बाद से हरियाणा के माहौल को लेकर दिल्ली ज्यादा गंभीर लग रही है। या यह माहौल दिल्ली के करीब रहने वाले हरियाणा के भाजपा नेताओं की वजह से बना है। या इसकी वजह कुछ और है।

2019 में हरियाणा में चुनाव है। अभी से जो उथल पुथल हरियाणा में दिख रहीं है। क्या मुख्यमंत्री आने वाले तूफानों से अनजान है या उनकों इसकी भनक लग चुकी है। हरियाणा में लोगों के पास विकल्प भी बहुत है। इसकी वजह से 2019 का चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.