राष्ट्रीय डेरी अनुंसधान संस्थान में फीड द फ्यूचर – इंडिया ट्राईंग्यूलर ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत डेरी को-ऑपरेटिव प्रबंधन विषय पर 15 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्य्रक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि महामहिम जॉर्ज क्राइटन मंकोंडिवा, उच्चायुक्त, मलावी उच्च आयोग, नई दिल्ली व एनडीआरआई के निदेशक डा. आरआरबी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसमें मलोवी, मोजाम्बिक, म्यांमार, केन्या, लाइबेरिया, तथा युगांडा सहित 6 देशों के 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अफ्रीकी और एशियाई देशों के लोगों को डेरी को-ऑपरेटिव का प्रबंधन, संचालन एवं मार्केङ्क्षटग की ट्रेनिंग देना है।
मुख्य अतिथि महामहिम जॉर्ज क्राइटन मंकोंडिवा ने कहा कि हिन्दुस्तान बहुत ही सुंदर और तेजी से विकास की ओर अग्रसर देश है। जनसंख्या के लिहाज से इसे महादीप भी कहा जा सकता है। भारतह्यीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान एशियाई एवं अफ्रीकी देशों के लिए अनुकरणीय है। इसलिए सभी प्रतिभागियों को इसका लाभ उठाना चाहिए।
एनडीआरआई के निदेशक डा. आरआरबी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डेरी आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है। जानवरों की अच्छी नस्ल, प्रबंधकीय कौशल और मार्केटिंग के आधार पर डेरी के माध्यम से अधिक मुनाफा अर्जित किया जा सकता है, लेकिन अधिक आबादी के साथ कम उत्पादकता, चारे की कमी, डेरी जानवरों में देरी से यौवन परिवक्वता जैसी कई समस्याएं भी हैं, जिनका समाधान करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने बताया किअफ्रीकी देशों में जमीन बहुत है, लेकिन प्रौद्योगिकियों का अभाव है। इसलिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से हमारे वैज्ञानिकों द्वारा डेरी के क्षेत्र में अर्जित ज्ञान को प्रतिभागियों के साथ सांझा किया जाएगा, ताकि एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में फूड सिक्योरिटी को बढ़ाया जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों और उनके देशों के लिए शिक्षित, उपयोगी और प्रासंगिक साबित होगा।
राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन हैदराबाद (मैनेज) हैदराबाद के संयुक्त निदेशक डा. एम.ए. करीम ने बताया कि फीड द फ्यूचर योजना के तहत भारत में वर्ष 2020 तक 44 ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से पिछड़े देशों के करीब 1400 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। इस कड़ी में यह 23वां ट्रेनिंग है और सभी में डेरी पर ही फोकस किया जाता है।
कोर्स कॉआर्डिनेटर डा. गोपाल सांखला ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन हैदराबाद (मैनेज) के सहयोग एवं अमेरिका की संस्था यूएसएड द्वारा प्रायोजित है। इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 6 देशों के कृषि क्षेत्र के 5, पशुपालन के क्षेत्र से 16 तथा एनजीओ से एक प्रतिभागी सहित 23 लोग शामिल हुए हैं। इसमें छह महिलाएं भी शामिल हैं।
डेरी विस्तार प्रभाग के अध्यक्ष डा. केहर सिंह कादियान ने सभी प्रतिभागियों को स्वागत किया और बताया कि आगामी 15 दिन तक सभी प्रतिभागियों के दिन की शुरूआत योग अभ्यास से शुरू होगी और उसके बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा। डा. बीएस मीणा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डा. केएस कादियान, बीएस मीणा, डा. सुजीत झा, डा. एचआर मीणा सहित अन्य वैज्ञानिकगण उपस्थित रहे।