हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मीटिंग राज्य युवा प्रधान हरप्रीत सिंह नरूला के कार्यालय में हुई। अध्यक्षता प्रधान जगदीश सिंह झिंडा ने की। मीटिंग के बाद झिंडा ने पत्रकारों से कहा कि शिरोमणि कमेटी अमृतसर ने जो बजट पास किया है उसमें हरियाणा प्रांत के गुरुद्वारों, अस्पतालों व शिक्षा के लिए नाममात्र ही बजट रखा है।
मेडिकल मीरी पीरी कालेज शाहबाद के लिए हरियाणा कमेटी ने 100 करोड़ की मांग रखी थी, परंतु शिरोमणि कमेटी ने केवल तन्खवाह के लिए छह करोड़ ही पाए किए हैं। इससे शिरोमणि कमेटी अमृतसर की मंशा हरियाणा में कोई भी पैसा लगाना ही नहीं चाहती। न तो आजतक मीरी पीरी मेडिकल के लिए एनओसी लेना ही नहीं चाहती।
हरियाणा के सिख नौजवानों को बहुत नुकसान हो रहा है। झिंडा ने कहा कि शिरोमणि के जत्थेदार गुरबचन सिंह से मांग की है कि जो हमारा केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है उसे वापस करवाए ताकि संगतों का चढ़ावा वकीलों को न जाकर संगत की भलाई के लिए खर्च किया जा सके। झिंडा ने कहा कि भाई गुरबक्श सिंह खालसा को हरियाणा कमेटी ने एक लाख रुपए दिए हैं।
शिरोमणि कमेटी खालसा परिवार को एक करोड़ रुपए दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बादल अकाली दल का हरियाणा में चुनाव लडऩे का उद्देश्य केवल हरियाणा के सिखों को दो फाड़ करना है और भारतीय जनता पार्टी को चुनावों में फायदा पहुंचाने के लिए अकाली दल बादल हरियाणा में चुनाव लडऩा चाहता है, क्योंकि केंद्र सरकार में अपने परिवार को मंत्री का पद दिलवा सके।
झिंडा ने हरियाणा के सिखों से अपील की है कि बादल की मंशा को देखते हुए अकाली दल बादल को हरियाणा में मुंह न लगाएं नहीं तो राजनीतिक तौर पर हरियाणा के सिखों को नुकसान हो जाएगा। जिससे दूसरी राजनीतिक पार्टी पर हरियाणा के सिखों का दबाव कम हो जाएगा। मीटिंग में युवा राज्य प्रधान हरप्रीत सिंह नरूला, गुरदीप सिंह रंबा, हरभजन सिंह सरां, हरविंद्र सिंह, अमन गिल बालू, सुखवंत सिंह चीमा, जगजीत सिंह, अमरीक सिंह, गुरनाम सिंह, गुनीत सिंह व सिमरनजीत सिंह मौजूद रहे।