November 3, 2024

नैशनल स्कूल आफ़ ड्रामा से पास होने के बाद प्रसिद्ध टी वी सीरीयल रजनी से अपने करियर की शुरुआत कर अनेको सुपर हिट फि़ल्मे देने वाले बॉलीवुड के जाने माने निर्माता, निर्देशक, लेखक व अभिनेता करन राज़दान आज करनाल के बुद्धिजीवियों व पत्रकारों से रूबरू हुए।

सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था नैशनल इंटेग्रेटेड फोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस के निमंत्रण पर करनाल आए करन राज़दान ने अपनी फि़ल्मी जिंदगी के साथ साथ अपनी आध्यात्मिक जिंदगी के सफऱ पर भी खुल्कर चर्चा की। निफ़ा द्वारा करन राज़दान द्वारा अपने जीवन की आध्यात्मिक खोज पर लिखी गयी पुस्तक द सीक्रेट लॉ आफ ब्लेसिंगस पर एक चर्चा भी रखी गयी जिसमें पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजबीर देसवाल ने मु य वक़्ता व कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में पुस्तक पर विचार दिए।

जिला एवं सेशन जज ललित बत्रा ने मु य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की जबकि प्रसिद्द इतिहासकार प्रफ़ेसर कपिल कुमार विशिष्ट अतिथि रहे। अपने फि़ल्मी जीवन की बात करते हुए करन राज़दान ने बताया कि उपभोक्ता अधिकारों पर लिखे रजनी सीरीयल की अपार सफलता के बाद उन्होंने दुश्मनी फि़ल्म लिखी जिसने सन्नी दयोल मु य भूमिका में थे।

इसके बाद शाहरुख़ खान, अनिल कपूर, जैकी श्राफ के साथ उनकी फि़ल्म त्रिमूर्ति बेहद सफल रही। अजय देवगन के साथ एक के बाद एक चार हिट फि़ल्मे दिलवाले, दीवाने, कय़ामत, दिलजले देकर उन्होंने बॉलीवुड में अपना ख़ास स्थान बना लिया। प्रवासी भारतीयों की ज़िंदगी पर बनी उनकी फि़ल्म उम्र को काफ़ी सराहा गया। करन राज़दान ने हिट फि़ल्मे देने के बावजूद छोटे पर्दे से नाता नहीं तोड़ा व जासूसी सीरीयल तहक़ीक़ात बनाया जो बेहद सफल रहा।

उम्र फि़ल्म के बाद उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ़ हो गया ओर उन्होंने इसका गहनता से अध्ययन किया। इस आध्यात्मिक यात्रा में उनको अपने अंदर एक अजीब तरह का बदलाव महसूस हुआ ओर उन्होंने अपने आध्यात्मिक अनुभवो को पन्नो पर उतारने का निर्णय लिया जिसके कारण द सीक्रेट लॉ आफ ब्लेसिंगस पुस्तक सामने आयी। इस पुस्तक का विधिवत विमोचन मुंबई में प्रसिद्द फि़ल्म निर्माता सुभाष घई के हाथो से हुआ व अब वो अपने उन अनुभवो जिन्होंने उनका जीवन बदल दिया को पूरे देश व दुनिया से बाँटना चाहते हैं, जिसमें निफ़ा एक बड़ी भूमिका निभाने वाली है।

करन राज़दान की पुस्तक को जीवन का वास्तु शास्त्र बताते हुए मु य वक़्ता पूर्व पुलिस अधिकारी राजबीर देसवाल ने कहा की इस पुस्तक में साधारण भाषा का इतने सुंदर ढंग से इस्तेमाल किया गया है की यह आध्यात्मिक क्षेत्र के नए विध्यर्थियो व अध्यात्म की मंज़िले पार कर चुके ज्ञानी लोगों के लिए बराबर लाभकारी रहेगी। इस पुस्तक में नकारतमकता को कोई स्थान नहीं दिया गया ओर ना ही लेखक ने स्वयं को उपदेशक के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है।

प्रसिद्द इतिहासकार प्रफ़ेसर कपिल कुमार ने भी इस पुस्तक को करन राज़दान के लेखक, निर्देशक, निर्माता व आध्यात्मिक जिज्ञासु के रूप में जिए जीवन का आइना बताया है। मु य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश ललित बत्रा ने भी इस प्रकार की पुस्तक को समाज से नाकारतमता समाप्त करने वाला व ख़ुशी देने वाला लेखन बताया। निफ़ा अध्यक्ष प्रितपाल सिंह पन्नु ने कहा कि करन राज़दान जैसी बड़ी फि़ल्मी हस्ती का करनाल आना बेहद सुखद है ओर निफ़ा उ मीद करती है की वे अपने आगामी प्राजेक्ट्स में करनाल व करनाल के कलाकारों को भी आगे आने का मौक़ा देंगे।

पुस्तक पर चर्चा के बाद कर्ण लेक पर ही संगीतमयी शाम का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्द सूफ़ी गायिका डॉक्टर हरमीत कौर ने अपने मधुर कंठ से एक के बाद एक हिंदी व सूफ़ी गीत गाकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन दिल्ली से कमल कुमार व निफ़ा महासचिव हरीश शर्मा ने किया ओर निफ़ा संयोजक एडवोकेट नरेश बराना ने आए अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर निफ़ा के संरक्षक व आजीवन सदस्य उपस्थित रहे, जिनमे कुलज़िंदर मोहन बाठ, डॉक्टर लाजपत राय चौधरी, जे आर कालरा, रूप नारायण चाँदना, परमिंदर पाल सिंह, जितेंद्र नरवाल, जस्विंदर सिंह बेदी, मनजीत सिंह, एस एम कुमार, संजय बत्रा, डॉक्टर प्रीतपाल सिंह शामिल रहे।

प्रसिद्द फि़ल्मी हस्ती करन राज़दान का मानवीय चेहरा आज देखने को मिला जब उन्होंने स्लम एरिया में निफ़ा द्वारा चल रही केयर क्लास में जाकर छोटे छोटे बच्चों से बातचीत की व उनके दु:ख दर्द को समझा। उन्होंने गऱीबी में झुग्गी झोपड़ी में जीवन जी रहे बच्चों को कहा कि वे ख़ूब पढ़े व पढ़ लिख कर जीवन में आगे बढ़े व अपने माता पिता को झुग्गी झोपड़ी के जीवन से बाहर निकालें। करन राज़दान ने करनाल जेल में जाकर क़ैदियों के साथ भी समय बिताया व उनको जेल में रहते हुए भी हालात को समझने व प्रसन्न रहने की सलाह दी।

जेल अधीक्षक शेर सिंह ने करन राज़दान का जेल में स्वागत किया व कहा की पूरे देश में हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहाँ जेलों में भी वेलफ़ेयर के काम किए जा रहे हैं। करन राज़दान ने जेल में क़ैदियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी अवलोकन किया व हरियाणा सरकार द्वारा जेलों में किए जा रहे सुधार कार्यों की जानकारी ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.