करनाल नगर निगम की आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने आज प्रातः रेलवे ट्रैक एवं नरसी विलेज क्षेत्र की झुग्गी-झोपडि़यों में जाकर ओ.डी.एफ. मुहिम से हुए बदलाव का जायजा लिया और निगरानी कमेटी के सदस्यों से संवाद कर उनके कार्य करने के तौर-तरीकों बारे जानकारी ली। आयुक्त ने रेलवे स्टेषन से लेकर घोघड़ीपुर उपरगामी पुल तक ट्रैक के साथ लगते करीब ढाई किलोमीटर लम्बे रास्ते पर पैदल चलकर खुले में षौच से मुक्त हुए एरिया का निरीक्षण किया। उनके साथ ओ.डी.एफ. टीम के ट्रीगर मास्टर व मोटीवेटर्स भी थे। इस दौरान कुछ-कुछ फासले पर मुस्तैद सिपाही की तरह खड़े निगरानी कमेटी के महिला एवं पुरूशों से संवाद किया। आयुक्त ने पूछा कि एक महीना पहले और आज के दिन की स्थिति में कितना अंतर आया है? क्या अब भी प्रवासी लोग रेलवे लाईन के दोनो ओर खड़ी जंगली झाडि़यों में बैठकर षौच करते हैं।
दूसरी ओर से उत्तर मिला कि अब यहां षौच के लिए कोई नहीं आता। हम लोग रोजाना अल सुबह यहां सीटी और टॉर्च लेकर आ जाते हैं। षुरू-षुरू में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, कई मरतबा लोगों से झगड़े भी हुए, लेकिन हम अपने इरादे से कदापि पीछे नहीं हटे। उन्होने बताया कि जो लोग पहले यहां षौच के लिए आते थे, वे अब अपने घरों में षौचालय बनवाकर उनका प्रयोग कर रहे हैं। जिन लोगों के पास अपने षौचालय नहीं है,
वे अब नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र में रखवाए गए कंक्रीट के टाईलों में षौच के लिए जाने लगे हैं। आयुक्त ने निगरानी कमेटी के सदस्यों से कहा कि बेषक आपने अपनी लगन व समर्पण से ओ.डी.एफ. के लिए काबिले तारीफ कार्य किया है, लेकिन इसकी सफलता के लिए इस मुहिम को बीच में मत छोड़ना, अन्यथा लोग दोबारा खुले में षौच करने लगेंगे। उन्होने इस क्षेत्र में निगम द्वारा रखवाए गए सी.सी. टॉयलटों का भी निरीक्षण किया। उन्होने बताया कि इन टॉयलटों को साफ रखने के लिए नगर निगम की ओर से सफाई कर्मियों की ड्यूटि लगाई जाएगी।
इसके पष्चात आयुक्त ने सैक्टर-9 के साथ लगते नरसी विलेज के पास झुग्गी-झोपडि़यों में जाकर इनमें रह रहे परिवारों द्वारा बनाए गए अस्थाई षौचालयों को देखा। उन्होने यहां रहने वाले लोगों से पूछा कि पहले ठीक था या अब ठीक है, जवाब मिला, अब ठीक है। महिलाओं ने बताया कि खुले में षौच करने से उनकी इज्जत को महफूज रखना भी दुष्वार था। अब थोड़ी सी मेहनत से हमें सुख की अनुभूति हुई है। उन्होने यह भी बताया कि नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र में जो षौचालय रखवाए गए हैं, उनकी साफ-सफाई भी हम खुद कर लेते हैं। आज भी मौके पर कुछ परिवार गढ्ढा खोदकर उसके चारों ओर बांस गाढ़कर अस्थाई षौचालय बना रहे थे। बता दें कि करनाल अर्बन को खुले में षौच से मुक्त करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों और ओ.डी.एफ. मुहिम से जुड़े समर्पित मोटीवेटर्स के प्रयासों से अब तक झुग्गी-झोपडि़यों में रहने वाले करीब 600 परिवारों ने अपने अस्थाई षौचालय बना लिए हैं।