पीडि़त जेबीटी अध्यापकों ने अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर सैक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के समक्ष 16वें दिन भी धरना दिया और प्रदेश सरकार से मांग की कि उन्हें नौकरी पर जल्द से जल्द नियुक्त किया जाए ताकि उनका सामाजिक, आर्थिक व मानसिक नुक्सान न हो। आज जेबीटी अध्यापक व अध्यापिकाएं अपने बच्चों के साथ धरने पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना जायज हक मांगा।
पीडि़त जेबीटी अध्यापको ने बताया कि वे 317 प्लस 84 चयनित जेबीटी अध्यापकों में से बचे हुए जेबीटी है जोकि रिजेक्ट नहीं हैं। शिक्षा विभाग ने 178 जेबीटी को सही कहकर जॉईनिंग दे दी है मगर उन्हें नो आपिनियन का नाम देकर उनकी जॉईनिंग रोक ली है, जबकि फोरेंसिक लैब ने हहम सभी 317 प्लस 84 को नो डेफिनैट बताया था हम रिजेक्ट नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाते हुए बताया कि कोई भी फोरिंसक लैब हमें रिजेक्ट नहीं कर सकती है क्योंकि हम सही और सच्चे हैं, लेकिन बिल्कुल सही होने के बावजूद भी हमारे साथ बार-बार अन्याय किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब 401 नो डेफिनैट में से 178 को जोईनिंग दी जा सकती है तो बाकि को क्यों नहीं। आज तक इतिहास में नो डेफिनैट को हमेशा जोईनिंग मिलती आई है क्योंकि उसमें अभ्यार्थियों का क्या कसूर होता है? आज के धरने में मनोज भारद्वाज, धर्मवीर सैनी, आरती, प्रियंका, मिनाक्षी, अनिल सैनी, सुरेंद्र, अजय, विनोद, किरण मलिक, सुमन सहित अन्य पीडि़त जेबीटी अध्यापक उपस्थित रहे।