November 5, 2024

डीएवी पीजी कॉलेज में गुरूवार को कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के युवा एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यशाला का हर्षोल्लास के साथ शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में करनाल मंडल के मंडलायुक्त आई.ए.एस पंकज यादव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। वहीं कार्यशाला में विशेष मेहमान के रूप में भारतीय वन सेवा की पहली महिला आई.एफ.एस अधिकारी एवं हरियाणा वन विकास विभाग की मुख्य वन संरक्षक डॉ. अमरेंद्र कौर शामिल हुई।

आई.ए.एस पंकज यादव सहित अन्य मेहमानों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रजवल्लित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने आए हुए सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने कहा कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़े बड़े विद्वान हिस्सा ले रहे हैं। जोकि विद्यार्थियों को शिक्षण साहित्यिक ज्ञान प्रदान करके उन्हे इस क्षेत्र में बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी सहित्य से दूर हो रहे हैं।

ऐसे में कार्यशाला आयोजित करके विद्यार्थियों को साहित्य के साथ जोड़ा जाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि विद्या‌र्थी जीवन में शिक्षण और साहित्य का समावेश ही विद्यार्थी को सफलता की ऊंचाईयों पर ले जाता है।  मुख्यअतिथि आई.ए.एस पंकज यादव ने कहा कि साहित्य हमें पुरातन संस्कृति और पीढ़ियों का ज्ञान कराता है। पौराणिक कथाओं के बारे में भी हम सहित्य से ही जान सकते हैं, लेकिन आज हर कोई सहित्य से दूर हट रहा है। जोकि हमारे लिए और आने वाली पी‌ढ़ियों के लिए खतरे का संकेत है।

उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि वह अच्छे लेखक की पुस्तक पढ़ें। तभी वह अच्छा लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी का आज कोई लक्ष्य नहीं है। इसलिए युवा पीढ़ी को लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने चिंता व्य‌क्त करते हुए कहा कि कहां गए वो लोग जो कभी अच्छी क‌वितांए लिखा करते थे। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर उन्हे जीवन में आगे  बढ़ना है तो उन्हे साहित्य से दोस्ती कर लेनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कार्यशाला में सीखकर साहित्य लिखने की अपील की।

प्राचार्य ने आए हुए सभी अतिथियों का अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। मंच संचालन कार्यशाला की सचिव एंव कॉलेज युवा एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज प्रो. पूनम वर्मा ने किया। इस मौके पर कॉलेज समिति के सदस्य ठाकुर वीरेंद्र सिंह सहित विभिन्न कॉलेजों के टीम इंचार्ज एवं विद्या‌र्थी मौजूद रहे।

साहित्य और प्रकृति से सीखता है इंसान ः डॉ. कौर

विशिष्ट अतिथि आई.एफ.एस डॉ. अमरेंद्र कौर ने कहा कि शांति और सहजता से ही साहित्य की ओर जाया जा सकता है। क्योंकि कुदरत और साहित्य इंसान को बहुत कुछ सीखाते हैं। जैसे प्रकृति खिल उठती है, उसी प्रकार साहित्य में डूबने के बाद विद्यार्थी का जीवन भी शिक्षा के क्षेत्र में चमक उठता है।

डॉ. अमरेंद्र कौर ने कहा कि अगर कोई नदियों पर रचना करता है तो जब तक वह नदी के किनारे जाकर उसकी आवाज और हवा को स्पर्श नहीं करेगा। तब तक कविता में वो भाव नहीं आ पाएगा, जो कवि प्रस्तुत करना चा‌हता है। उन्होंने कहा कि कुदरत को महसूस करके लिखेंगे तो पढ़ने वाले को भी सुखद अनुभूति होगी। उन्होंने कहा कि आज साहित्य को जिंदा करने की आवश्यकता है और यह कार्य आज की युवा पीढ़ी और विद्यार्थी ही कर सकते हैं। उन्होंने साहित्य से जुड़े विद्यार्थियों को हरियाणा वन विकास निगम की ओर से एक दिवसीय प्रकृति भ्रमण करवाने की घोषणा की।

साहित्य के साथ जुड़कर रचानांए करें विद्यार्थी ः रंजन

राजीव रंजन ने कहा कि पहले साहित्य की रचना की जाती थी। लेकिन आज सहित्यकारों की कमी है। उन्होंने कहा कि पहले पुस्तकालय बैठने की जगह नहीं, बल्कि ज्ञान का मंदिर हुआ करता था। उन्होंने कहा कि पहले भ्रुण हत्या नहीं होती थी, लेकिन आज भ्रुण हत्या शर्मशार कर रही है। उन्होंने कहा कि आज लिखने की ताकत खत्म होती जा रही है।

किसान आत्महत्या करता है, लेकिन कोई उपन्यास नहीं लिखा गया। उन्होंने कहा कि जब आने वाली पीढ़ी के लिए साहित्य नहीं होगा तो वह धैर्य विहिन होगी।इससे समाज में निराशा पैदा होगी। ऐसे में विद्यार्थियों को पूरी तरह से साहित्य से जुड़़कर रचनाएं करनी चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ियों को साहित्य के क्षेत्र में अपार संभावनांए नजर आएं।

साहित्य जगत में युवाओं को तराश रहा कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय 

कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के सह निदेशक डॉ. ह‌रविंद्र राणा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने युवा विद्यार्थियों को साहित्य जगत में अगृणी भूमिका निभाने के लिए तराशने का काम किया है। जिससे पिछले 30 वर्षों से साहित्य कार्यशालाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय ने बेहतरीन साहित्यकार, पत्रकार, कवि, लेखक, मंच संचालक, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विद्वान पैदा कर इस क्षेत्र के फलने फूलने का काम किया है।

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