आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर्स यूनियन एवं हैल्पर यूनियन के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आंगनवाड़ी वर्करों व हैल्परों ने प्रदेश सरकार व महिला एवं बाल विकास परियोजना की मैनेजमेंट के खिलाफ मशाल जुलूस निकाल कर रोष जताया। हड़ताल के 18वें दिन जिला प्रधान रूपा राणा की अध्यक्षता में डीसी कार्यालय पर दिनभर धरने पर बैठी।
प्रदर्शन का संचालन जिला सचिव बिजनेश ने किया। जिला सहसचिव राकेश राणा, मंजू फूसगढ़ व संगीता ने कहा कि प्रदेश सरकार व महिला एवं बाल विकास परियोजना मैनेजमेंट वर्करों हैल्परों को नौकरी से हटाने के पत्र जारी करके डराना चाहती है, लेकिन वर्कर सरकार की इस तानाशाही व घटिया मानसिकता से डरने वाली नहीं है।
मांगें लागू नहीं की गई तो प्रदेश की 52 हजार वर्कर और हैल्पर 2019 के चुनाव में खट्टर सरकार को सबक सिखाएंगी। जिला उपप्रधान सर्वेश राणा व मंजू बवेजा ने कहा कि सरकार बिना शर्त वर्करों व हैल्परों को सरकारी कर्मचारी घोषित करे। न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए दिया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों में मदर ग्रुप की महिलाओं का वेतन बढ़ाया जाए। नौ मार्च को वर्कर और हैल्पर जेल भरो आंदोलन करेंगी।
इस अवसर पर शशी, रीना, सतपाल सैनी, ओपी माटा, ओमप्रकाश सिहमार सुष्मा, रेखा, अमरजीत कौर, सुष्मा कांबोज, सर्वेश, संगीता, राकेश राणा, प्रेम, सुनीता, बबीता, राजवंती, निर्मला, ममता, लता, सलोचना, कांता, गीता, रूमा, संतोष, दर्शनी, राजरानी, ममता, सीता व कमलेश ने वर्करों को संंबोधित किया।