करनाल का न्यू रमेश नगर क्षेत्र इन दिनों पूरी तरह से भक्ति के रंग में सराबोर नजर आया। अवसर था साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के समापन समारोह का, जिसने पूरे इलाके को मिनी वृंदावन में बदल दिया। सप्ताह भर चली इस दिव्य कथा का विश्राम हवन-यज्ञ और विशाल भंडारे के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की और प्रसाद ग्रहण किया।
समापन दिवस पर माहौल अत्यंत भावुक और उत्साहपूर्ण था। वृंदावन से पधारे कथावाचक गुरु भोला जी के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने जमकर फूलों की होली खेली। हालांकि मौसम होली का नहीं था, लेकिन श्याम बाबा की भक्ति में डूबे भक्त झूमते-गाते नजर आए। आयोजन स्थल पर चारों ओर फूलों की वर्षा हो रही थी और श्रद्धालु भजनों पर नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार कर रहे थे।
कथा के विश्राम पर श्रद्धालुओं की आंखों में विदाई के आंसू साफ देखे जा सकते थे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले आठ दिनों से क्षेत्र में जो भक्ति की धारा बह रही थी, उसने उनके जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया है। महिलाओं और बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के लोगों ने इस आध्यात्मिक उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बच्चों ने राधा-कृष्ण के स्वरूप धरकर रासलीला की प्रस्तुति दी, जिसने सभी का मन मोह लिया।
गुरु भोला जी ने करनाल के भक्तों की श्रद्धा की सराहना करते हुए कहा कि धर्म के कार्यों में लगने वाला व्यक्ति भगवान को अत्यंत प्रिय होता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए निरंतर भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। श्रद्धालुओं की भारी मांग और उत्साह को देखते हुए आयोजकों ने घोषणा की है कि अब हर साल इस तरह की भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा, ताकि क्षेत्र में धर्म और शांति का वातावरण बना रहे।
आयोजकों ने इस सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों और सेवादारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक छोटे से विचार से शुरू हुआ यह सफर आज एक विशाल समागम का रूप ले चुका है। कथा के दौरान हर दिन शाम को संकीर्तन और कृष्ण लीलाओं का मंचन किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को साक्षात वृंदावन का अनुभव हुआ। अब न्यू रमेश नगर के निवासियों को अगले वर्ष के आयोजन का बेसब्री से इंतजार है।