हरियाणा के करनाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने के निर्णय के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शहर के ऐतिहासिक गांधी चौक पर एकत्रित होकर कांग्रेस के जिला स्तरीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को बुलंद किया।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों से सरकार केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है। उन्होंने तर्क दिया कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना, जो 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई थी, उसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देना था। कार्यकर्ताओं का मानना है कि नाम में बदलाव करना वास्तव में गरीबों के अधिकारों पर प्रहार है और सरकार धीरे-धीरे इस रोजगार गारंटी को समाप्त करने की योजना बना रही है।
कांग्रेस के शहरी और ग्रामीण अध्यक्षों ने इस अवसर पर कहा कि यह निर्णय न केवल विपक्षी दलों का अनादर है, बल्कि महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटाने का एक प्रयास भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और बिना किसी व्यापक चर्चा के महत्वपूर्ण योजनाओं के स्वरूप में बदलाव कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आशंका जताई कि आने वाले समय में मुद्रा नोटों से गांधी जी की प्रतिमा हटाने की कोशिश भी की जा सकती है।
योजना के तकनीकी पहलुओं पर बात करते हुए नेताओं ने बताया कि पहले केंद्र सरकार बजट का 90 से 100 प्रतिशत हिस्सा देती थी, लेकिन अब इसे बदलकर 60:40 के अनुपात में कर दिया गया है। इससे कई गरीब राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा और योजना का लाभ निम्न स्तर के लोगों तक पहुंचना कठिन हो जाएगा। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, जहां यूपीए शासन के दौरान करोड़ों लोग गरीबी रेखा से बाहर आए थे, वहीं वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण आज बड़ी संख्या में लोग राशन पर निर्भर हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें ‘राम जी’ के नाम से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे महात्मा गांधी के नाम और उनकी विचारधारा से जुड़ी योजनाओं के साथ की जा रही छेड़छाड़ के सख्त खिलाफ हैं। उनका कहना है कि नाम बदलने के बजाय सरकार को योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और गरीबों की आय बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपने “नाम बदलो और वाहवाही लूटो” के रवैये को नहीं बदला, तो वे इस आंदोलन को और तेज करेंगे।