हरियाणा के करनाल स्थित बिजली विभाग के कार्यालय में आज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एचएससीबी (HSCB) वर्कर यूनियन के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारियों ने एकत्र होकर ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि यह नीति न केवल उनके हितों के खिलाफ है, बल्कि इससे काम के दौरान होने वाले हादसों का जोखिम भी काफी बढ़ जाएगा।
यूनियन के नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान स्पष्ट किया कि बिजली विभाग एक तकनीकी और जोखिम भरा क्षेत्र है। किसी भी कर्मचारी को एक विशेष क्षेत्र की बिजली लाइनों, उनके क्रॉसिंग पॉइंट और तकनीकी बारीकियों को समझने में दो से तीन साल का समय लगता है। यदि इस पॉलिसी के तहत कर्मचारियों का बार-बार और दूर-दराज के क्षेत्रों में तबादला किया जाता है, तो नए स्थान पर लाइन की सही जानकारी न होने के कारण जानलेवा हादसों की आशंका बढ़ जाएगी। कर्मचारियों का तर्क है कि पोल पर चढ़कर काम करते समय सुरक्षा के लिए यह जानना बेहद जरूरी होता है कि कौन सी लाइन कहाँ से आ रही है और कौन सी चालू या बंद है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि यह उनके आंदोलन का दूसरा चरण है, जिसमें यूनिट स्तर पर गेट मीटिंग और विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। यूनियन ने इस संबंध में एसीएस (पावर) को पहले ही पत्र लिखकर अवगत कराया था, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि वे टकराव नहीं बल्कि बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं, लेकिन यदि उनकी जायज मांगों की अनदेखी की गई तो वे अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे।
बिजली कर्मियों ने सरकार से अपील की है कि वे कर्मचारियों की जान जोखिम में डालने वाली इस ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को वापस लें ताकि विभाग में सुरक्षा और कार्यकुशलता बनी रहे। फिलहाल, कर्मचारियों के इस कड़े रुख को देखते हुए विभाग में तनाव का माहौल है और सभी की नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।