करनाल : रेलवे स्टेशन पर बीते 12 दिसंबर को जीआरपी पुलिस को एक 10 वर्षीय मासूम बच्चा लावारिस हालत में मिला, जो अपना नाम सूरज बता रहा है। वर्तमान में यह बच्चा करनाल के श्रद्धानंद अनाथालय में सुरक्षित है और उसे अपने माता-पिता के पास जाने का बेसब्री से इंतजार है। अनाथालय प्रशासन और काउंसलर्स बच्चे से लगातार जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उसे उसके घर तक पहुँचाया जा सके।
काउंसलिंग के दौरान बच्चे ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। उसने अपने गांव का नाम ‘माधुपुर अमनार’ बताया है, जो पटना के पास स्थित है। बच्चे के अनुसार, उसके पिता का नाम सुरजीत रविदास और माता का नाम मुन्नी देवी है। वह सात भाई-बहनों में से एक है। बच्चे ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसकी माँ ने उसे डांटा था, जिसके बाद उसके पिता ने उसे जालंधर (सुल्तानपुर लोधी) में रहने वाली उसकी दीदी (बुआ) के पास जाने के लिए ट्रेन में बिठा दिया था, लेकिन वह रास्ता भटककर करनाल स्टेशन पर उतर गया।
बच्चा यह भी बता रहा है कि वह अपने माता-पिता के साथ सोनीपत के किसी ‘सोनी’ या ‘सोनू’ भट्टे पर काम के सिलसिले में रहा था। हालांकि, वह अपनी बातों को बार-बार बदल रहा है, जिससे काउंसलर्स को सटीक पते तक पहुँचने में कठिनाई हो रही है। बच्चे ने अपने कुछ अन्य रिश्तेदारों के नाम भी बताए हैं, जिनमें बड़े पापा का नाम किशोरी और फूफा का नाम बखोरी शामिल है। वह अंगसराय नामक स्थान का भी जिक्र कर रहा है, जहाँ से उसके गांव के लिए बसें चलती हैं।
श्रद्धानंद अनाथालय की काउंसलर नेहा ने बताया कि बच्चा 12 दिसंबर की रात को उनके पास लाया गया था। वह हर रोज अपने घर जाने के लिए रोता है और अपने माता-पिता को याद करता है। अनाथालय में बच्चे का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, उसे उचित भोजन और कपड़े प्रदान किए गए हैं।
प्रशासन ने आम जनता और विशेष रूप से बिहार व सोनीपत क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि यदि कोई इस बच्चे को पहचानता है या इसके परिवार के बारे में कोई जानकारी रखता है, तो तुरंत श्रद्धानंद अनाथालय, करनाल या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। बच्चे की तस्वीर और जानकारी को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक साझा करने का आग्रह किया गया है ताकि यह मासूम जल्द से जल्द अपने अपनों के बीच पहुँच सके।