करनाल: करनाल के सेक्टर 14 स्थित पंडित चिरंजी लाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय के छात्रों को उस समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब उन्हें अपनी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा से घंटों पहले कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। परीक्षा का निर्धारित समय दोपहर 1:30 बजे का था, लेकिन सुबह जल्दी पहुँचे छात्र-छात्राओं को बाहर खड़े रहने पर मजबूर होना पड़ा।
छात्रों ने बताया कि उन्हें कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कोई पूर्व सूचना या नोटिस जारी नहीं किया गया था कि उन्हें परीक्षा के समय से पहले प्रवेश नहीं दिया जाएगा। छात्र-छात्राओं का एक बड़ा समूह कॉलेज के बाहर सड़क पर खड़ा रहा, जिससे उन्हें ठंड और बाहरी शोर के कारण अपनी परीक्षा की तैयारी (रिवीजन) करने में भी दिक्कत हुई।
प्रवेश रोकने का कारण और छात्रों की मजबूरी
विरोध कर रहे छात्रों ने अपनी समस्या साझा करते हुए बताया कि वे दूर-दराज के गाँवों, जैसे सालवन, से आते हैं, जिसकी दूरी लगभग 45 से 50 किलोमीटर है। एक छात्रा ने बताया कि उनके गाँव से बसें बहुत कम चलती हैं—एक सुबह 8 बजे और फिर शाम को, जिसके कारण उन्हें समय पर परीक्षा केंद्र पहुँचने के लिए सुबह जल्दी आना पड़ता है।
एक अन्य छात्र ने कहा, “पिछले 10 सालों से जब से कॉलेज बना है, तब से हम परीक्षा से पहले आराम से पार्क में बैठकर पढ़ाई करते थे। अब अचानक बिना किसी नोटिस या रूल लिस्ट के हमें बाहर निकाल दिया गया है।” छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ बाहरी तत्व (आउटसाइडर) आकर माहौल खराब करते हैं, लेकिन अगर कुछ बच्चे गलती करते हैं, तो पूरे छात्र समुदाय को उसकी सज़ा क्यों दी जाए?
छात्रों ने सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। छात्राओं ने कहा कि जब वे इतनी सुबह बाहर फुटपाथ पर खड़ी होती हैं, तो उनकी सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? यदि कोई दुर्घटना या दुर्व्यवहार होता है, तो उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?
प्रबंधन की प्रतिक्रिया और छात्रों की अपील
मौके पर मौजूद पुलिस और सुरक्षा कर्मचारियों ने छात्रों को बताया कि उन्हें ‘प्रिंसिपल मैम’ के सख्त निर्देश हैं कि 1:30 बजे से पहले किसी को भी अंदर प्रवेश न दिया जाए। हालाँकि, छात्रों के अनुसार, कॉलेज गेट पर केवल “आईडी कार्ड के बिना प्रवेश नहीं” का नोटिस लगा था, प्रवेश समय से संबंधित कोई नोटिस नहीं था।
छात्र-छात्राओं ने कहा कि यदि उन्हें पहले से इस नियम की जानकारी होती, तो वे अपने आने-जाने की व्यवस्था उस हिसाब से करते। उन्होंने प्रबंधन से अपील की है कि दूर-दराज से आने वाले छात्रों की समस्या पर ध्यान दिया जाए और उन्हें परीक्षा से कुछ घंटे पहले परिसर में बैठकर शांतिपूर्वक तैयारी करने की अनुमति दी जाए। छात्रों ने ज़ोर दिया कि इस तरह से उनका मानसिक ध्यान भंग होता है और उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण परीक्षाओं पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
यह पहली बार नहीं है जब छात्रों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा है। प्रबंधन को चाहिए कि वे छात्रों की समस्याओं पर ध्यान दें और एक ऐसा समाधान निकालें जिससे उनकी सुरक्षा और पढ़ाई दोनों सुनिश्चित हो सकें।