नॉन ऑपीनियन जेबीटी ने सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा किए गए अन्याय का विरोध करते हुए काली होली मनाई। इन शिक्षकों के परिवारों ने भी होली नहीं खेली। धरना स्थल पर शिक्षक अपने बच्चों के साथ बैठे रहे। इन जेबीटी शिक्षकों ने सरकार को चेताया है कि अगर उन्हें शीघ्र ही स्कूलों में ज्वाइन नहीं करवाया गया तो वह अपने बच्चों सहित मुंडन करवाएंगी। शनिवार को अध्यापकों को संबोधित करते हुए महिला प्रधान किरण मलिक ने कहा कि सीएम सिटी में 9870 की भर्ती में से बचे हुए चयनित जेबीटी अध्यापको ने बीते मगंलवार से अपना अनिश्चितकालिन धरना प्रदर्शन शुरू किया हुआ है। ये वह पीडि़त जेबीटी अध्यापक हैं, जिनको 317+84 को फोरेंसिक लैब ने नो डेफिनैट बताया था। 10 महीनों बाद सरकार ने इनमें से 178 को सही बता कर ज्वाइनिंग दे दी और बाकि को नो ऑपिनियन कहकर इनके साथ भेदभाव किया। हालांकि लैब ने इनको रिजेक्ट नही बताया है। उन्होंने कहा कि वह रिजेक्ट नही है फिर उनके साथ ये अन्याय क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब 178 को ज्वाइनिंग दी जा सकती है तो सभी क्यो नही दी जा रही। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी व भेदभाव की वजह से उनका भविष्य खतरे मे है। हाई मेरिट के बाद भी जोईनिग नही दी गई, ऐसा करके सरकार हमें सजा दे रही है। इस अवसर पर पुष्पा, अनिल, आरती, अरूण, किरण जांगड़ा व प्रियंका मौजूद रहे।