अनुबंधित विद्युत कर्मचारी संघ हरियाणा एवं अनुबंधित एसोसिएशन बिजली निगम का सांझा क्रमिक अनशन आज 10वें दिन भी जारी रहा, जिसमें जिला सिरसा से पहुंचे कर्मियों ने हिस्सा लिया। आज के क्रमिक अनशन का नेतृत्व जिला सिरसा प्रधान संदीप बाठ ने किया।
धरने पर बैठे अनुबंधित कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और रोष व्यक्त किया। अनुबंधित कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अपनी मांगों को लेकर अनुबंधित कर्मचारी पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक सरकार एवं विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है।
उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। यदि जल्द ही सरकार एवं सम्बंधित विभागीय अधिकारियों ने उनकी मांगों को नहीं पूरा किया तो वे आंदोलन को ओर अधिक तेज करेंगे। इस अवसर पर जिला वरिष्ठ उपप्रधान सुभाष जी, सुरेन्द्र ख्योवाली प्रधान सब डिविजन कांलावाली, श्रीराम सिंह, सुधार प्रधान ऐलनाबाद सिरसा, बलजीत सिंह प्रधान सब अर्बन सिरसा, कृष्ण कुमार, शंकर लाल व हनुमान जिला कार्यकारिणी सिरसार, अक्षय शर्मा करनाल, प्रवीन कुमार जिला कुरुक्षेत्र व राजीव कुमार जिला कुरुक्षेत्र ने हिस्सा लिया।
जिला सिरसा प्रधान संदीप बाठ ने मांग करते हुए कहा कि कर्मिक अनशन पर बैठे कर्मचारियों ने मांग की कि विद्युत विभाग में कच्चे,अनुबंधित, आउटसोर्स कर्मचारियों के मध्य से ठेकेदार को हटाकर सभी कर्मचारियों को यथावत सीधे निगम रोल पर लिया जाए। विद्युत विभाग के सभी कच्चे, अनुबंधित कर्मचारियों को हरियाणा सरकार की आउटसोर्स पॉलिसी पार्ट-1 व पार्ट-2 को समाप्त करते हुए माननीय न्यायलय के आदेशानुसार सभी कर्मचारियों को समान काम समान विेतन तुरंत प्रभा से लागू किया जाए।
नवनियुक्त एसए, एएलएम, एलडीसी, यूडीसी व अन्य की ज्वाईनिंग के कारण कार्यरत कच्चे, अनुबंधित कर्मचारियों को प्रभावित न किया जाए व कार्यरत्त कच्चे अनंबंधित कर्मचारियों के रोजगार को सुरक्षित किया जाए। इसके अलावा दुर्घटनाग्रस्त में अंग भंग हुए कर्मचारी का रोजगार सुरक्षित हो व आर्थिक सुविधा उपलब्ध करवाई जाए एवं दुर्घटना में मृतक कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाए ताकि उसके आश्रित परिवार का पालन पोषण सुचाुर रुप से चल सके। इसके अतिरिक्त विद्युत विभगा में कम किए गए वेतन को तरुंत प्रभाव से बढ़ाया जाए व एरियर सहित उसका भुगान किया जाए व 2014 से बचे हुए ऐरियर का भुगतान तुरंत प्रभाव से कर्मचारियां के खातें में करवाया जाए।