करनाल के दिल्ली–चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर एक बड़ा सड़क हादसा उस समय हो गया, जब रुई से लदा एक भारी ट्रक हाईवे की रेलिंग तोड़कर नहर के बिल्कुल किनारे जाकर पलट गया। ट्रक पानीपत से शाहबाद की तरफ जा रहा था और यदि कुछ ही फुट आगे जाता, तो सीधे नहर में गिर सकता था। मौके पर पहुंचे लोगों और पुलिस ने मामले को गम्भीर मानते हुए तुरंत राहत और रेस्क्यू की प्रक्रिया शुरू करवाई।
ड्राइवर के अनुसार, उसके आगे चल रही एक कार चालक ने अचानक ब्रेक लगा दिए। कार से टक्कर टालने के लिए उसने तुरंत ब्रेक लिए और गाड़ी को साइड की ओर मोड़ा, जिससे ट्रक कच्चे हिस्से में उतर गया और संतुलन बिगड़ने से रेलिंग तोड़ते हुए पलट गया। ट्रक पूरी तरह रुई से लोडेड था, जिसके कारण पलटने के बावजूद बड़ा झटका जरूर लगा, लेकिन एक तरह से यही लोड झटका सोखने में भी काम आया। ड्राइवर को टांग में चोट आई, लेकिन वह ट्रक से बाहर निकलने में कामयाब रहा।
घटना की सूचना मिलते ही हाईवे पुलिस और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंच गई। हाईवे पर जाम और दूसरे हादसे की आशंका को देखते हुए कुछ समय के लिए दोनों तरफ का ट्रैफिक रोकना पड़ा। पुलिस ने सबसे पहले ड्राइवर को सुरक्षित किनारे कराया और फिर भारी क्रेन (हाइड्रा) बुलाकर ट्रक को सीधा करने की तैयारी शुरू की।
रुई से भरे इस बड़े ट्रक को नहर किनारे से सीधा करने के लिए मजबूत जंजीरों और पट्टों की मदद ली गई। क्रेन ऑपरेटरों ने पहले ट्रक को हल्का-हल्का ऊपर उठाकर उसके नीचे जंजीरें डालीं, फिर धीरे-धीरे खींचकर ट्रक को खड़ा किया। पूरे ऑपरेशन में लगभग एक घंटे से ज्यादा की मशक्कत लगी। ट्रक हवा में लटकता नजर आया और संतुलन बनाए रखने के लिए बार-बार हैंड ब्रेक की पोज़िशन और पट्टों की पकड़ को समायोजित करना पड़ा।
ट्रक के सीधा होते ही उसे हाईवे से और साइड में सुरक्षित जगह की ओर खींचकर ले जाया गया, ताकि आने-जाने वाले वाहनों के लिए रास्ता पूरी तरह साफ हो सके। हाईवे पुलिस ने ट्रैफिक को नियंत्रित तरीके से दोबारा चालू कराया, ताकि अचानक भीड़ या रुकावट के कारण कोई नई दुर्घटना न हो।
इस घटना ने एक बार फिर कोहरे और बिना प्लानिंग वाले ब्रेकिंग के खतरों की ओर ध्यान दिलाया। मौके से मिली जानकारी के अनुसार, इलाके में कोहरे की शुरुआत हो चुकी है और सुबह के समय दृश्यता कम रहती है। ऐसे में यदि कोई वाहन चालक अचानक ब्रेक लगाता है या लेन बदलता है, तो पीछे से आ रहे भारी वाहनों के लिए समय पर कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है, जिससे इस तरह की घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
अंत में लोगों से अपील की गई कि कोहरे और धुंध के दिनों में हाईवे पर रफ्तार कम रखें, गाड़ियों की लाइटें ऑन रखें, आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाकर चलें और अचानक ब्रेक लगाने से बचें। विशेष तौर पर भारी वाहनों के चालकों को सलाह दी गई कि वे स्पीड पर नियंत्रण रखें और हाईवे की ढलान, पुल व नहर किनारे जैसे संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सावधानी बरतें, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।