करनाल के मीरा घाटी चौक के नजदीक स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे लोगों के साथ बड़ा फ्रॉड सामने आया है। लोग एटीएम में कार्ड डालते ही देखते रहे, कार्ड मशीन के अंदर फंस गया और कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर अकाउंट से हजारों रुपये कटने के मैसेज आने लगे। कई लोगों के खाते से 1500, 3800, 6500 से लेकर 16,000 रुपये तक की रकम कटने की बात सामने आई, जबकि उन्होंने खुद कोई सफल विड्रॉल नहीं किया।
एटीएम में कार्ड फंसा, बाद में कटे पैसे
स्थानीय लोगों के अनुसार, वे सुबह पैसे निकालने के लिए एटीएम पर पहुंचे और जैसे ही उन्होंने कार्ड मशीन में डाला, कार्ड अंदर ही फंस गया और बाहर नहीं निकला। कार्ड फंसने के बाद उन्हें बताया गया कि दो घंटे बाद आकर कार्ड ले जाना, लेकिन इससे पहले ही उनके मोबाइल पर अकाउंट से पैसे कटने के मैसेज आने लगे। किसी के 1500 रुपये, किसी के 3860 रुपये और किसी के 16,000 रुपये तक कटने की जानकारी सामने आई।
एक व्यक्ति ने बताया कि उसके बेटे ने सुबह कार्ड डाला, कार्ड अंदर चला गया, फिर एटीएम के अंदर चिपके एक नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई और उसे दो घंटे बाद आने को कहा गया। जब वे दोबारा एटीएम पर पहुंचे तो पता चला कि खाते से 1500 रुपये निकल चुके हैं और बैंक वालों ने बाद में अंदर लगा वह पर्चा भी हटवा दिया।
फर्जी नंबर से शिकायत, फिर अकाउंट साफ
लोगों ने बताया कि एटीएम के अंदर एक मोबाइल नंबर चिपका हुआ था, जिस पर कॉल करने को कहा जाता था। कई लोगों ने उसी नंबर पर फोन कर अपने कार्ड फंसने की शिकायत की। कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने उन्हें आधार कार्ड लेकर तय समय पर आने को कहा और उसी बीच उनके खातों से रकम निकल गई। बाद में पता चला कि वह नंबर अब स्विच ऑफ है और बैंक का सिक्योरिटी गार्ड वह पर्चा उतारकर ले गया।
एक महिला ने बताया कि उसने देवर के साथ एटीएम में कार्ड डाला, कार्ड मशीन ने अंदर खींच लिया और बाद में जब बैंक जाकर अकाउंट चेक कराया तो पता चला कि खाते से पैसे गायब हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों को अलग-अलग समय – कोई एक घंटे बाद, कोई दो घंटे बाद आने के लिए कहा गया, इस बीच फ्रॉड करने वाले लोग रकम निकालकर गायब हो गए।
बैंक की जिम्मेदारी से इंकार, लोगों में रोष
पीड़ित लोग नजदीकी ब्रांच पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि एटीएम की जिम्मेदारी शाखा की नहीं है और यह सब उनकी रिस्पॉन्सिबिलिटी में नहीं आता। एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि ब्रांच मैनेजर ने उनके दोस्त से ठीक से बात तक नहीं की और साफ शब्दों में कह दिया कि “अगर पैसे कट गए हैं तो हमारी जिम्मेदारी नहीं है।”
लोगों ने यह भी कहा कि जब एटीएम बैंक का है, तो वहां गार्ड, सुरक्षा व्यवस्था और नोटिस बोर्ड की जिम्मेदारी भी बैंक की ही बनती है। यहां न तो कोई गार्ड तैनात था, न ही एटीएम कक्ष का दरवाजा लॉक किया गया था, मशीन भी खुली पड़ी थी। लोगों का कहना है कि कैमरे लगे हैं, इसलिए सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि पर्चा किसने लगाया और पैसे किसने निकाले, लेकिन बैंक की ओर से ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा।
डायल 112 और डायलैक्सो टीम की एंट्री
घटना की जानकारी डायल 112 पर दी गई, जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। वहीं डायलैक्सो 12 की टीम भी एटीएम पर पहुंची और मौके की स्थिति का जायजा लिया। एटीएम के बाहर भारी संख्या में लोग जमा हो गए, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, और सभी अपने-अपने कटे पैसे व फंसे कार्ड को लेकर परेशान नजर आए।
पीड़ितों का कहना है कि बैंक और संबंधित एजेंसी को तुरंत सीसीटीवी फुटेज चेक कराकर फ्रॉड करने वालों की पहचान करनी चाहिए और ग्राहकों के कटे हुए पैसे वापस करवाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लोगों ने मांग की कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच हो, बैंक की लापरवाही पर कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसे फर्जी नंबर व पर्चे एटीएम के अंदर चिपकाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
लोगों की पीड़ा और जांच की मांग
एक पीड़ित ने बताया कि उसके दोस्त के खाते से 16,500 रुपये कटने का मैसेज आया, जबकि उसने खुद कोई विड्रॉल नहीं किया था। किसी के पास मैसेज आया, किसी के पास मैसेज भी नहीं आया, लेकिन बाद में एंट्री चेक करने पर पता चला कि रकम अकाउंट से निकल चुकी है। लोगों का कहना है कि वे बैंक, पुलिस और संबंधित विभाग के चक्कर लगाकर भी अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं पा सके हैं।
स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि बैंक की जिम्मेदारी है कि वह एटीएम की सुरक्षा, गार्ड तैनाती, कैमरा मॉनिटरिंग और संदिग्ध पर्चियों को हटाने जैसे कदम समय पर उठाए। उनका कहना है कि अगर सीसीटीवी फुटेज सही से जांची जाए तो फ्रॉड करने वाले आसानी से पकड़े जा सकते हैं, इसलिए पुलिस और बैंक दोनों को मिलकर इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।