सुबह के समय दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर नीलोखेड़ी के नजदीक घना कोहरा छाया हुआ था, इसी बीच कई गाड़ियों और बड़े वाहनों में जोरदार टक्कर हो गई। बताया गया कि चार से पांच बड़े वाहन हादसे का शिकार हुए, जिनमें हरियाणा रोडवेज की दो बसें, एक कैंटर और एक छोटी गाड़ी शामिल रही। कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम थी और सुबह-सुबह हुए इस हादसे ने राहगीरों में डर का माहौल बना दिया।
हादसे के बावजूद सबसे बड़ी राहत यह रही कि सभी लोग बाल-बाल बच गए और किसी के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी नहीं मिली। हालांकि कैंटर सहित कई वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और सड़क पर कांच के टुकड़े बिखर गए, जिन्हें तुरंत साइड में करवाने की कोशिश की गई ताकि आगे कोई अन्य वाहन फिसलकर दुर्घटना का शिकार न हो।
बस, कैंटर और अन्य वाहन क्षतिग्रस्त
हादसे में हरियाणा रोडवेज की दो बसें, एक झज्जर डिपो की और एक कुरुक्षेत्र डिपो की बताई गईं, जो कोहरे के बीच अचानक हुए टकराव की चपेट में आ गईं। एक कैंटर डिवाइडर पर चढ़ गया और उसका अगला हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया, वहीं पीछे चल रही गाड़ी भी सामने वाले वाहन से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। टक्कर की श्रृंखला ऐसी बनी कि गाड़ियों के एक-दूसरे से भिड़ते ही कांच टूटकर सड़क पर बिखर गए।
कैंटर को क्रेन की मदद से हाईवे से हटाया गया, ताकि बीच सड़क पर खड़े क्षतिग्रस्त वाहन के कारण कोई दूसरा हादसा न हो। क्षतिग्रस्त बसों और गाड़ियों को भी साइड में लगवाया गया, जिससे जीटी रोड को फिर से क्लियर किया जा सका। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, वाहनों को नुकसान जरूर हुआ, लेकिन यात्रियों की सुरक्षित बच निकलना सबसे बड़ी बात रही।
पुलिस की मुस्तैदी और ट्रैफिक नियंत्रण
हादसा होते ही पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और सबसे पहले ट्रैफिक को नियंत्रित करने का काम शुरू किया। कुछ समय के लिए हाईवे पर वाहनों को रोक दिया गया, ताकि क्रेन और पुलिस टीम सुरक्षित तरीके से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवा सकें। पुलिसकर्मी खुद सड़क पर उतरकर कांच और सामान को साइड में करते दिखे, ताकि दोपहिया वाहन या अन्य गाड़ियां फिसलकर गिर न जाएं।
वाहनों को धीरे-धीरे एक-एक कर हाईवे से आगे निकाला गया और ट्रैफिक को नियंत्रित तरीके से चलाया गया। जैसे ही कैंटर और अन्य क्षतिग्रस्त गाड़ियां साइड में की गईं, जीटी रोड को क्लियर कर दिया गया और देखते ही देखते ट्रैफिक दोबारा सुचारू रूप से चलने लगा। पुलिस व स्थानीय लोगों की तत्परता के कारण स्थिति पर जल्दी काबू पाया जा सका।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और राहत
मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि कोहरा बहुत ज्यादा था और आगे खड़े ट्रक के पीछे दूसरी गाड़ी, उसके पीछे उनकी गाड़ी और फिर धीरे-धीरे कई गाड़ियां एक-दूसरे से लगती चली गईं। उनके अनुसार, दो हरियाणा रोडवेज बसें, दो-तीन ट्रक और एक छोटी गाड़ी इस टक्कर में शामिल रहीं, लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं, सिर्फ वाहनों को नुकसान हुआ। एक बस चालक ने समय रहते बस को डिवाइडर पर चढ़ा दिया, जिससे कई गाड़ियां बड़ी क्षति से बच गईं।
दूसरे प्रत्यक्षदर्शी ने भी यही बताया कि हादसा मुख्य रूप से कोहरे और कम दृश्यता की वजह से हुआ, लेकिन भगवान का शुक्र है कि किसी को चोट नहीं आई या बहुत गंभीर स्थिति नहीं बनी। लोगों ने इस बात पर राहत जताई कि इतनी बड़ी टक्कर के बावजूद मामला सिर्फ वाहनों के नुकसान तक सीमित रहा और किसी की जान जाने से बच गई।
कोहरे में सावधानी की अपील
घटना के बाद बार-बार यह अपील की गई कि सभी लोग कोहरे के मौसम में खास सावधानी बरतें। कोहरा और धुंध लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में हादसों का खतरा भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। लोगों से कहा गया कि हाईवे पर तेज रफ्तार से बचें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और विशेष रूप से कोहरे में दूरी बनाकर गाड़ी चलाएं।
बड़े वाहनों, खासकर ट्रक और बस चालकों से यह आग्रह किया गया कि वे अपने वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप अवश्य लगाएं ताकि दूर से ही पता चल सके कि आगे कोई वाहन खड़ा या चल रहा है। आने वाले दिनों में कोहरा और ज्यादा घना हो सकता है, इसलिए रफ्तार पर नियंत्रण, लेन अनुशासन और सावधानी ही ऐसे हादसों पर रोक लगाने का सबसे बड़ा उपाय बताए जा रहे हैं।