करनाल असंध रोड पर देर रात जीरी से भरे एक राजस्थान नंबर के ट्रक में बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब चलते-चलते ट्रक का कैबिन ट्रॉली से अलग हो गया और देखते ही देखते आग की चपेट में आकर पूरी तरह जलकर राख हो गया। हादसे के बाद ट्रक को सड़क से हटाकर फिलहाल साइड में खड़ा किया गया है, जहां उसका जला हुआ ढांचा और बिखरे स्पेयर पार्ट्स घटना की भयावहता बयां कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ट्रक में जीरी यानी धान की फसल के भरे कट्टे लोड थे, जिन्हें मध्य प्रदेश से करनाल के नजदीक तरावड़ी मंडी में उतारने के लिए लाया जा रहा था। जैसे ही ट्रक करनाल असंध रोड पर पहुंचा, बताया गया कि कैबिन और पीछे लोडेड ट्रॉली को जोड़ने वाला पिन अचानक चलते-चलते टूट गया, जिससे पीछे का हिस्सा असंतुलित होकर सड़क पर पलट गया और इसी दौरान ट्रक ने आग पकड़ ली।
ट्रक चालक अजय, जो स्वयं इसी ट्रक के मालिक भी हैं, ने बताया कि हादसा रात करीब 10:30 बजे के आसपास हुआ, जब वह अकेले ट्रक चला रहे थे। चालक के अनुसार पिन टूटने के बाद ट्रॉली कैबिन से टकराई, जिससे संभवतः डीजल टैंक और बैटरी पर दबाव पड़ा और शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई।
अजय ने बताया कि जैसे ही उन्हें आग लगने का आभास हुआ, उन्होंने तुरंत खिड़की के शीशे के रास्ते जलते कैबिन से बाहर छलांग लगा दी और अपनी जान बचाई। उस समय आसपास बहुत अधिक लोग मौजूद नहीं थे, लेकिन बाद में मौके पर पहुंचे राहगीरों और अन्य वाहन चालकों ने भी आग बुझाने के प्रयास में मदद की।
चालक के एक परिचित अजीत यादव के अनुसार, उन्हें रात लगभग 10:30 बजे फोन पर हादसे की जानकारी मिली, जिसके बाद वे नारनौल से करनाल पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह बेहद दर्दनाक हादसा है क्योंकि न सिर्फ ट्रक का कैबिन और आगे का हिस्सा पूरी तरह जलकर नष्ट हो चुका है, बल्कि पीछे लदी जीरी की फसल भी पूरी तरह राख में तब्दील हो गई।
ट्रक चालक ने बताया कि यह राजस्थान नंबर का ट्रक (आरजे 32) है और वह राजस्थान के रहने वाले हैं, जो खुद ही इस ट्रक के मालिक व चालक हैं। उनके अनुसार यह ट्रक उन्होंने लगभग 9 महीने पहले ही किश्तों पर खरीदा था और अभी तक सभी किस्तें भी पूरी नहीं हो पाई थीं, लेकिन हादसे में पूरा “घोड़ा” यानी आगे का हिस्सा खत्म हो गया और धान की फसल का भी भारी नुकसान हो गया।
घटना के समय सड़क की स्थिति को भी हादसे का एक कारण बताया जा रहा है। चालक अजय का कहना है कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां सड़क एक समान नहीं है, एक ओर झुकाव है और दूसरी ओर ऊंचा हिस्सा है, जिसके कारण वाहन का संतुलन बिगड़ा और पिन निकल गया, जिसके बाद पूरी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
हादसे के तुरंत बाद दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। हालांकि जब तक फायर ब्रिगेड की टीमें पहुंचीं, तब तक ट्रक का कैबिन और जीरी से भरी अधिकांश बोरियां पूरी तरह जल चुकी थीं और लाखों रुपये का नुकसान हो चुका था।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि सड़क के किनारे भी काफी दूरी तक जलने के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं और वहां धान की जली हुई बोरियां बिखरी पड़ी हैं, जो नुकसान की गंभीरता को दर्शाती हैं। मौके पर पहुंचे परिचितों और अन्य लोगों ने राहत की सांस ली कि इस हादसे में किसी जानमाल की बड़ी हानि नहीं हुई और चालक समय रहते नीचे कूदकर सुरक्षित बाहर निकल आए।
घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर यह संदेश भी दिया गया कि भारी वाहनों के चालक यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतें और सड़क की ऊंच-नीच, मोड़ और गति पर ध्यान रखें, क्योंकि जरा सी तकनीकी खराबी या लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है। मौके पर मौजूद संवाददाता ने भी अपील की कि लोग यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें और खासकर रात के समय भारी वाहनों के संचालन में अतिरिक्त सावधानी रखें।
प्रत्यक्षदर्शियों और चालक के अनुसार, यह केवल संयोग और तत्परता का परिणाम था कि ट्रक में सवार एकमात्र व्यक्ति सही समय पर कूदकर बाहर आ गया, वरना कैबिन की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि थोड़ी सी भी देरी उसकी जान ले सकती थी। हादसे के बाद ट्रक का ढांचा, जली हुई फसल और सड़क पर पड़ी राख लोगों को यह याद दिलाती रही कि कैसे कुछ ही पलों में लाखों रुपये की संपत्ति खाक में बदल गई।